फेसबुक कार्यालय में पीएम मोदी
सैन जोस:
सभी स्कूलों और कालेजों तथा छह लाख गांव को ब्राडबैंड से जोड़ने की अपनी सरकार की पहल की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाईवे की तरह ही आईवे का निर्माण अत्यधिक महत्वपूर्ण है। आईवेज के विस्तार के साथ ही उन्होंने जवाबदेही, पारदर्शिता और डेटा गोपनीयता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने यहां सिलिकन वैली के मुख्य कार्यकारियों (सीईओ) को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने राष्ट्रीय आप्टिकल फाइबर नेटवर्क का आक्रामक विस्तार शुरू किया है जिससे छह लाख गांवों को ब्राडबैंड से जोड़ा जा सकेगा। हम स्कूलों और कालेजों को ब्रांडबैंड से जोड़ेंगे। आईवेज (सूचना संचार मार्ग) का निर्माण उतना ही महत्वपूर्ण है जितना हाईवेज का।’
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार सार्वजनिक वाईफाई हाटस्पाट्स का भी विस्तार कर रही है और यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल हवाईअड्डों के लाउंज में ही नि:शुल्क वाईफाई सेवा न हो बल्कि हमारे रेलवे प्लेटफार्मों पर भी हो।
गूगल दिलाएगी वाई-फाई सुविधा
पीएम मोदी ने बताया, ‘गूगल से जुड़ते हुए हम शीघ्र ही अपने देश के 500 रेलवे स्टेशनों को वाईफाई के तहत लायेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिये पहुंच का मतलब यह भी है कि इसकी सामग्री स्थानीय भाषाओं में होनी चाहिए। 22 आधिकारिक भाषाओं वाले देश में, यह एक बहुत ही विशाल लेकिन महत्वपूर्ण कार्य है।’ उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था और जीवन अब और अधिक तार से जुड़ रहा है ऐसे में हम डेटा गोपनीयता और सुरक्षा, बौद्धिक संपदा अधिकार और साइबर सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस अवसर पर एडॉब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शांतनु नारायण, माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, क्वॉलकॉम के कार्यकारी चेयरमैन पॉल जैकब्स तथा गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा कि ई-गवर्नेंस बेहतर तरीके से कामकाज के संचालन ..दक्ष, आर्थिक और प्रभावी कामकाज. का आधार है। ‘हम गवर्नेंस में बदलाव लाएंगे और इसे अधिक पारदर्शी, जवाबदेह, पहुंच में और भागीदारी वाला बनाएंगे।’ प्रधानमंत्री ने बताया, ‘माईजीओवीइन के बाद मैंने अभी हाल ही में नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप भी शुरू किया है। वे मुझे जनता से नजदीकी से जुड़े रहने में मदद कर रहे हैं। मैंने उनके सुझावों और शिकायतों से बहुत कुछ सीखा है।’
डिजिटल इंडिया का जिक्र
डिजिटल इंडिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अपने नागरिकों को हर कार्यालय में जरूरत से ज्यादा कागजी दस्तावेजों के बोझ से मुक्त करना चाहते हैं। हम कागजरहित कामकाज चाहते हैं। हम हर नागरिक के लिए एक डिजिटल लॉकर बनाएंगे जिससे कि वे अपने व्यक्तिगत दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकें और जिन्हें विभिन्न विभागों के साथ साझा भी किया जा सके।’
उन्होंने कहा कि लेकिन इन सबके लिए हमें डिजिटल खाई को पाटना होगा और डिजिटल साक्षरता को उसी तरह आगे बढ़ाना होगा जिस तरह हम आम साक्षरता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
प्रौद्योगिकी तक सबकी पहुंच बने
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रौद्योगिकी तक सबकी पहुंच बने, वह वहनीय हो और वह गुणवत्ता बढ़ाए।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि देश के सवा सौ करोड़ लोग एक दूसरे से डिजिटल माध्यम से जुड़े हों। पिछले वर्ष तक देश के पैमाने पर ब्रांडबैंड का उपयोग पहले ही 63 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, हम इसे और विस्तार देना चाहते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को हासिल करने के लिए सरकार को भी कारपोरेट दुनिया की तरह सोचना शुरू करना होगा। उन्होंने मुख्य कार्यकारियों से कहा, ‘बुनियादी ढांचे के सृजन से लेकर सेवाओं, उत्पादों के विनिर्माण से मानव संसाधन विकास, नागरिकों के लिए सुगमता को सरकार को समर्थन से डिजिटल साक्षरता बढ़ाने, डिजिटल इंडिया आपके लिए एक बड़ा अवसर है।’
गांवों को स्मार्ट आर्थिक हब में बदलना चाहते हैं
मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया में योगदान का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गांवों और कस्बों में साझा सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे और स्मार्ट शहरों के निर्माण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अपने गांवों को स्मार्ट आर्थिक हब में बदलना चाहते हैं और अपने किसानों को बेहतर तरीके से बाजार से जोड़ना चाहते हैं, जिससे उन पर प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों का प्रभाव कम से कम किया जा सके।'
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार सार्वजनिक वाईफाई हाटस्पाट्स का भी विस्तार कर रही है और यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल हवाईअड्डों के लाउंज में ही नि:शुल्क वाईफाई सेवा न हो बल्कि हमारे रेलवे प्लेटफार्मों पर भी हो।
गूगल दिलाएगी वाई-फाई सुविधा
पीएम मोदी ने बताया, ‘गूगल से जुड़ते हुए हम शीघ्र ही अपने देश के 500 रेलवे स्टेशनों को वाईफाई के तहत लायेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिये पहुंच का मतलब यह भी है कि इसकी सामग्री स्थानीय भाषाओं में होनी चाहिए। 22 आधिकारिक भाषाओं वाले देश में, यह एक बहुत ही विशाल लेकिन महत्वपूर्ण कार्य है।’ उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था और जीवन अब और अधिक तार से जुड़ रहा है ऐसे में हम डेटा गोपनीयता और सुरक्षा, बौद्धिक संपदा अधिकार और साइबर सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस अवसर पर एडॉब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शांतनु नारायण, माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, क्वॉलकॉम के कार्यकारी चेयरमैन पॉल जैकब्स तथा गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा कि ई-गवर्नेंस बेहतर तरीके से कामकाज के संचालन ..दक्ष, आर्थिक और प्रभावी कामकाज. का आधार है। ‘हम गवर्नेंस में बदलाव लाएंगे और इसे अधिक पारदर्शी, जवाबदेह, पहुंच में और भागीदारी वाला बनाएंगे।’ प्रधानमंत्री ने बताया, ‘माईजीओवीइन के बाद मैंने अभी हाल ही में नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप भी शुरू किया है। वे मुझे जनता से नजदीकी से जुड़े रहने में मदद कर रहे हैं। मैंने उनके सुझावों और शिकायतों से बहुत कुछ सीखा है।’
डिजिटल इंडिया का जिक्र
डिजिटल इंडिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अपने नागरिकों को हर कार्यालय में जरूरत से ज्यादा कागजी दस्तावेजों के बोझ से मुक्त करना चाहते हैं। हम कागजरहित कामकाज चाहते हैं। हम हर नागरिक के लिए एक डिजिटल लॉकर बनाएंगे जिससे कि वे अपने व्यक्तिगत दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकें और जिन्हें विभिन्न विभागों के साथ साझा भी किया जा सके।’
उन्होंने कहा कि लेकिन इन सबके लिए हमें डिजिटल खाई को पाटना होगा और डिजिटल साक्षरता को उसी तरह आगे बढ़ाना होगा जिस तरह हम आम साक्षरता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
प्रौद्योगिकी तक सबकी पहुंच बने
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रौद्योगिकी तक सबकी पहुंच बने, वह वहनीय हो और वह गुणवत्ता बढ़ाए।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि देश के सवा सौ करोड़ लोग एक दूसरे से डिजिटल माध्यम से जुड़े हों। पिछले वर्ष तक देश के पैमाने पर ब्रांडबैंड का उपयोग पहले ही 63 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, हम इसे और विस्तार देना चाहते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को हासिल करने के लिए सरकार को भी कारपोरेट दुनिया की तरह सोचना शुरू करना होगा। उन्होंने मुख्य कार्यकारियों से कहा, ‘बुनियादी ढांचे के सृजन से लेकर सेवाओं, उत्पादों के विनिर्माण से मानव संसाधन विकास, नागरिकों के लिए सुगमता को सरकार को समर्थन से डिजिटल साक्षरता बढ़ाने, डिजिटल इंडिया आपके लिए एक बड़ा अवसर है।’
गांवों को स्मार्ट आर्थिक हब में बदलना चाहते हैं
मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया में योगदान का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गांवों और कस्बों में साझा सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे और स्मार्ट शहरों के निर्माण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अपने गांवों को स्मार्ट आर्थिक हब में बदलना चाहते हैं और अपने किसानों को बेहतर तरीके से बाजार से जोड़ना चाहते हैं, जिससे उन पर प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों का प्रभाव कम से कम किया जा सके।'
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