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This Article is From Aug 23, 2021

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन को आशंका, भीड़भाड़ वाले काबुल एयरपोर्ट पर हो सकते हैं आतंकी हमले

अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के फैसले के कारण बाइडेन प्रशासन की आलोचना हो रही है, क्योंकि बलों के लौटने के कारण तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण देश में अराजकता फैल गई है.

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन को आशंका, भीड़भाड़ वाले काबुल एयरपोर्ट पर हो सकते हैं आतंकी हमले
Afghanistan crisis: अफगानिस्‍तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जुट रही है
वॉशिंगटन:

Afghanistan crisis: अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden)ने कहा है कि उन्‍हें अभी भी उम्‍मीद है कि अफगानिस्‍तान (Afghanistan) से दिल को दुखाने वाली निकासी (Heartbreaking" evacuation) इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगी. इसके साथ ही उन्‍होंने भीड़भाड़ वाले काबुल एयरपोर्ट परआतंकी हमले की भी आशंका जताई मुश्किल हालात और लॉजिस्टिक परेशानियों के बावजूद अफगानिस्‍तान से निकाले जाने वाले लोगों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है. बाइडेन ने कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है कि ' यह काम' तालिबान की सहमति की तारीख 31 अगस्‍त तक पूरा हो जाएगा.व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बात करते हुए अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा, 'उम्‍मीद है कि तारीख बढ़ाने की नौबत नहीं आएगी. '

यह पूछने पर कि अतिरिक्‍त समय की मांग कर रहे वैश्विक नेताओं को उनका क्‍या जवाब है, उन्‍होंने कहा, 'हम देखेंगे कि क्‍या कर सकते हैं.' व्‍हाइट हाउस की ओर से रविवार देर रात जानकारी दी गई कि पिछले सप्‍ताह अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जा करने के बाद से अमेरिका ने सैन्‍य और गठबंधन उड़ानों (military and coalition flights) में 30 हजार से अधिक लोगों को निकालने की सुविधा दी है.तालिबान के कब्जे के बाद वहां पैदा हुए संकट के बीच बाइडेन ने युद्धग्रस्त देश से अपने बलों की वापसी के कदम को सही ठहराया. उन्‍होंने कहा कि  इतिहास में यह कदम ‘तार्किक और उचित निर्णय' के रूप के दर्ज किया जाएगा.

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अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के फैसले के कारण बाइडेन प्रशासन की आलोचना हो रही है, क्योंकि बलों के लौटने के कारण तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण देश में अराजकता फैल गई है.बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि इतिहास के पन्नों में इस फैसले को तार्किक और उचित निर्णय के रूप में दर्ज किया जाएगा.'इससे पहले, भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निकी हेली ने अमेरिका सरकार की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका ने तालिबान के सामने ‘पूरी तरह आत्मसमर्पण' कर दिया और अफगानिस्तान में अपने सहयोगियों को छोड़ दिया.हेली ने सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्‍यू में कहा, ‘वे तालिबान से वार्ता नहीं कर रहे. उन्होंने तालिबान के समक्ष पूरी तरह आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने बगराम वायुसेना अड्डे को सौंप दिया, जो नाटो का बड़ा केंद्र था. उन्होंने 85 अरब डॉलर के उपकरण और हथियार भी सौंप दिए.'

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उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अमेरिकी लोगों का समर्पण कर दिया और उन्होंने अमेरिकी लोगों की वापसी से पहले अमेरिकी बलों को वापस बुला लिया. उन्होंने विदेशों में तैनात मेरे पति जैसे लोगों को सुरक्षित रखने वाले अफगान साथियों को छोड़ दिया. कोई बातचीत नहीं हुई. यह पूरी तरह आत्मसमर्पण था और शर्मनाक नाकामी है.'इस बीच, बाइडेन ने कहा कि तालिबान को एक मूलभूत फैसला करना होगा. उन्होंने कहा, ‘क्या तालिबान एकजुट होने की कोशिश और अफगान लोगों का कल्याण करेगा, जो किसी समूह ने अभी तक नहीं किया है?'बाइडेन  ने कहा, ‘‘यदि वह ऐसा करता है, तो उसे आर्थिक सहायता, व्यापार समेत अतिरिक्त मदद चाहिए होगी.''उन्होंने कहा, ‘तालिबान ने ऐसा कहा है. हम देखेंगे कि वह वास्तव में ऐसा करता है या नहीं. वे अन्य देशों की मान्यता चाहते हैं. उन्होंने हमें और अन्य देशों से कहा है कि वे नहीं चाहते कि हम अपनी राजनयिक मौजूदगी पूरी तरह समाप्त करें. फिलहाल ये केवल बातें हैं.'अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अफगानिस्तान से जल्द से जल्द और सुरक्षित तरीके से अमेरिकी नागरिकों को बाहर निकालना है.(भाषा से भी इनपुट)

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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