मुल्ला मंसूर की फाइल फोटो
इस्लामाबाद/वाशिंगटन:
पाकिस्तान की मीडिया ने रविवार को बलूचिस्तान प्रांत में अमेरिकी हवाई हमले में तालिबान सरगना मुल्ला मंसूर के मारे जाने से इनकार करते हुए कहा कि इसमें एक टैक्सी चालक तथा एक यात्री की मौत हो गई, मुल्ला मंसूर की नहीं।
इससे पहले रविवार को 'सीएनएन' ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया था कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के दूरवर्ती क्षेत्र में स्थित दक्षिण-पश्चिमी शहर अहमद वाल में किए गए हवाई हमले में मंसूर मारा गया।
अधिकारी ने कहा कि मंसूर को निशाना बनाकर यह हमला किया गया था। मंसूर के साथ वाहन में सवार एक अन्य शख्स की भी मौत होने का अंदेशा है। वहीं, पाकिस्तानी उर्दू चैनल 'समा टीवी' की रिपोर्ट के मुताबिक, दो लोगों के शवों को नुशकी के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने उनके पहचान पत्र से उनकी पहचान की।
रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्सी चालक की पहचान चमन निवासी मुहम्मद आजम और यात्री की पहचान वली मुहम्मद के रूप में की गई है। स्थानीय उर्दू टीवी चैनल '92 न्यूज' ने एक अज्ञात तालिबान कमांडर के हवाले से मंसूर के मारे जाने का खंडन किया। 'अलजजीरा' ने भी तालिबान सरगना मंसूर की मौत की खबरों का खंडन किया है। मुल्ला मंसूर को तालिबान के पूर्व सरगना मुल्ला उमर के मारे जाने के एक दिन बाद 30 जुलाई, 2015 को तालिबान सरगना बनाया गया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इससे पहले रविवार को 'सीएनएन' ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया था कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के दूरवर्ती क्षेत्र में स्थित दक्षिण-पश्चिमी शहर अहमद वाल में किए गए हवाई हमले में मंसूर मारा गया।
अधिकारी ने कहा कि मंसूर को निशाना बनाकर यह हमला किया गया था। मंसूर के साथ वाहन में सवार एक अन्य शख्स की भी मौत होने का अंदेशा है। वहीं, पाकिस्तानी उर्दू चैनल 'समा टीवी' की रिपोर्ट के मुताबिक, दो लोगों के शवों को नुशकी के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने उनके पहचान पत्र से उनकी पहचान की।
रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्सी चालक की पहचान चमन निवासी मुहम्मद आजम और यात्री की पहचान वली मुहम्मद के रूप में की गई है। स्थानीय उर्दू टीवी चैनल '92 न्यूज' ने एक अज्ञात तालिबान कमांडर के हवाले से मंसूर के मारे जाने का खंडन किया। 'अलजजीरा' ने भी तालिबान सरगना मंसूर की मौत की खबरों का खंडन किया है। मुल्ला मंसूर को तालिबान के पूर्व सरगना मुल्ला उमर के मारे जाने के एक दिन बाद 30 जुलाई, 2015 को तालिबान सरगना बनाया गया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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