ब्रिटेन में एक जहाज के कंटेनर में पाए गए सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे अफगानिस्तान में उत्पीड़न से बचकर भागे थे और वे एक हवारहित कंटेनर में बिना भोजन और पानी के 18 घंटे तक फंसे रहे।
पंजाबी भाषी एक स्थानीय व्यक्ति कमलजीत सिंह मताहारू को पुलिस ने दुभाषिए के तौर पर इन लोगों से पूछताछ करने के लिए बुलाया और उसने बताया कि पूर्वी लंदन के ऐसेक्स में तिलबरी डाक्स पर पाए गए इन सिखों को आशंका थी कि यदि वे बिना भोजन और पानी के अधिक समय तक इस कंटेनर में रहे तो मारे जाएंगे।
कमलजीत ने एक स्थानीय टेलीविजन को बताया, यह एकदम घुप्प अंधेरा था। वहां हवा तक नहीं थी और कुछ ही देर बाद यह असहनीय हो गया। उन्होंने बताया, यह बहुत खौफनाक था। उन्होंने बहुत कुछ झेला। कंटेनर में कुल 15 परिवार के होने का पता चला, ये सभी काबुल से थे और ट्रक में बैठकर यूरोप के लिए निकले थे।
हालांकि 40 वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और बचे हुए लोगों में 13 पुरुष, आठ महिलाएं (18 से 72 वर्ष आयुवर्ग) और 13 बच्चे (एक से 12 साल) शामिल हैं।
मताहारू ने बताया, वे काफी दयनीय हालत में थे। एक छोटे बच्चे के मुताबिक, तकरीबन 18 घंटों से वे कंटेनर में बंद थे। तिलबुरी में कंटेनर के अंदर फंसे लोगों के होने का पता चला। इससे 12 घंटे पूर्व यह कंटेनर ट्रक के जरिये जीब्रूगी पहुंचा था।
दुभाषिए ने बताया, कई घंटों से ये लोग कंटेनर को लगातार पीटकर शोर मचा रहे थे ताकि कोई उनकी आवाज सुन सके। जीवित बचने के लिए वे भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। अगले 20 मिनट में उनकी जान भी जा सकती थी।
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