
पाकिस्तान के झेलम में अज्ञात हमलावरों ने लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकी अबु कताल की गोली मारकर हत्या कर दी जिसे भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था. हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना के नेटवर्क के लिए इसे बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. अबु कताल की मौत से आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती मिली है. अबु कताल को कताल सिंघी या नदीम के नाम से भी जाना जाता था, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक प्रमुख आतंकी कमांडर था. उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था और पिछले 25 वर्षों से वह पीओके में सक्रिय था.
अबु कताल को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया था. वह एक ऐसा शख्स था, जिसने अपनी क्रूरता और चालाकी से जम्मू-कश्मीर में आतंक का पर्याय बन चुका थ. उसकी पहचान न केवल एक आतंकी के रूप में थी, बल्कि वह उन चुनिंदा लोगों में से था जो हाफिज सईद के बेहद करीबी माना जाता था. अबूु कताल का असली नाम नदीम बताया जाता है.
हाफिज सईद से क्या थे उसके रिश्ते
अबु कताल और हाफिज सईद के बीच रिश्ता केवल संगठनात्मक नहीं था, बल्कि पारिवारिक और वैचारिक स्तर पर भी गहरा था. अबू कताल को हाफिज सईद का भतीजा बताया जाता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन यह तय है कि वह हाफिज सईद का बेहद करीबी सहयोगी था. हाफिज सईद, जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और जमात-उद-दावा का मुखिया है. भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है. इनमें 26/11 का मुंबई हमला सबसे चर्चित है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
भारतीय एजेंसियों को लंबे समय से थी उसकी तलाश
अबु कताल भारत के लिए एक बड़ा खतरा था. उसने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों की साजिश रची थी और उन्हें अंजाम दिया.
- जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिव-खोड़ी मंदिर से लौट रही तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले में अबु कताल का नाम सामने आया था.
- राजौरी जिले के ढांगरी गांव में हुए आतंकी हमले में भी अबु कताल की संलिप्तता पाई गई थी. इस हमले में दो बच्चों सहित सात लोग मारे गए थे.
- अबु कताल जम्मू-कश्मीर में कई अन्य हमलों और घुसपैठ की घटनाओं में शामिल था. वह आतंकियों को हथियार और प्रशिक्षण मुहैया करवाने के साथ-साथ सीमा पार से भारत में दहशत फैलाने की साजिश रचता था.
अबु कताल 2023 के राजौरी आतंकवादी हमले में भी शामिल था, जहां आतंकवादियों ने 1 जनवरी को ढांगरी गांव में नागरिकों को निशाना बनाया और अगले दिन आईईडी विस्फोट किया था. समन्वित हमलों में दो बच्चों समेत सात लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे.
एनआईए की जांच में अबु कताल का नाम प्रमुख रूप से सामने आया था, जिसमें पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलरों की भूमिका उजागर हुई, जो आतंकवादियों को सीमा पार भेजने और नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए भर्ती करते थे.
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