
कैलिफोर्निया:
दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल के विशाल कैंपस में 40 से ज्यादा इमारतें हैं और यहां 18,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। गूगल का यह कैंपस रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करेगा, जहां उन्हें डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए ज्यादा समर्थन की उम्मीद होगी।
जैसे ही आप गूगल के कैंपस में प्रवेश करते हैं तो आपका सामना रंगीन गूगल साइकिलों से होता है जो वहां के कर्मचारी चला रहे होते हैं, जिनमें से ज्यादातार काम पर आने-जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अन्य कार्यालयों की तरह दिखने वाली इमारतों के आगे खड़ी ये रंगीन साइकिलें अलग ही दिखती हैं।

कैलिफोर्निया के माउंटेनव्यू में स्थित इंटरनेट की दिग्गज कंपनी गूगल के हेडक्वार्टर गूगलप्लेक्स में आपका स्वागत है।
कंपनी के कई कर्मचारियों को गूगलर्स भी कहा जाता है, जो कैलिफोनिर्या शॉर्ट्स और फ्लिफ्लॉप्स पहन कर ऑफिस आते हैं।
पूरे कैंपस में एनडीटीवी की टीम जितनी भी इमारतों के पास से गुजरी, सभी के बाहर कर्मचारियों के लिए बेंच और कैफे मिले, और रंग तो जैसे वहां की थीम ही है। आप 'गूगलर्स' को आइसक्रीम और कॉफी मग हाथ में लिए कैंपस में देख सकते हैं, जैसे ये कोई यूनिवर्सिर्टी हो। खाड़ी और उसके आस-पास रहने वाले गूगल कर्मचारियों के लिए कंपनी की विशेष शटल सेवा भी है, जिसका इस्तेमाल दफ्तर पहुंचने के लिए किया जाता है।

मुख्यालय के अंदर कर्मचारियों के लिए टेबल टेनिस खेलने की भी व्यवस्था है। यहां कर्मचारियों के लिए भोजन के साथ मनोरंजन का भी पूरा इंतजाम है। साथ ही काम के दौरान उनके सोने के लिए भी व्यवस्था है। कैंपस के अंदर कई भारतीय और चीनी गूगलर्स नजर आएंगे, लेकिन टॉप पदों पर भारतीयों का ही वर्चस्व है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचई हैं, लेकिन हमारी मुलाकात अमित सिंगल से हुई जो गूगल के वाइस प्रसिडेंट हैं। गूगल का कैंपस खुद में ही एक दुनिया है। पीएम मोदी के लिए एक खास मौका होगा यह देखने का कि एक कंपनी को सच में कामयाब बनने के लिए किस तरह का वातावरण देना जरूरी होता है।
जैसे ही आप गूगल के कैंपस में प्रवेश करते हैं तो आपका सामना रंगीन गूगल साइकिलों से होता है जो वहां के कर्मचारी चला रहे होते हैं, जिनमें से ज्यादातार काम पर आने-जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अन्य कार्यालयों की तरह दिखने वाली इमारतों के आगे खड़ी ये रंगीन साइकिलें अलग ही दिखती हैं।

कैलिफोर्निया के माउंटेनव्यू में स्थित इंटरनेट की दिग्गज कंपनी गूगल के हेडक्वार्टर गूगलप्लेक्स में आपका स्वागत है।
कंपनी के कई कर्मचारियों को गूगलर्स भी कहा जाता है, जो कैलिफोनिर्या शॉर्ट्स और फ्लिफ्लॉप्स पहन कर ऑफिस आते हैं।
पूरे कैंपस में एनडीटीवी की टीम जितनी भी इमारतों के पास से गुजरी, सभी के बाहर कर्मचारियों के लिए बेंच और कैफे मिले, और रंग तो जैसे वहां की थीम ही है। आप 'गूगलर्स' को आइसक्रीम और कॉफी मग हाथ में लिए कैंपस में देख सकते हैं, जैसे ये कोई यूनिवर्सिर्टी हो। खाड़ी और उसके आस-पास रहने वाले गूगल कर्मचारियों के लिए कंपनी की विशेष शटल सेवा भी है, जिसका इस्तेमाल दफ्तर पहुंचने के लिए किया जाता है।

मुख्यालय के अंदर कर्मचारियों के लिए टेबल टेनिस खेलने की भी व्यवस्था है। यहां कर्मचारियों के लिए भोजन के साथ मनोरंजन का भी पूरा इंतजाम है। साथ ही काम के दौरान उनके सोने के लिए भी व्यवस्था है। कैंपस के अंदर कई भारतीय और चीनी गूगलर्स नजर आएंगे, लेकिन टॉप पदों पर भारतीयों का ही वर्चस्व है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचई हैं, लेकिन हमारी मुलाकात अमित सिंगल से हुई जो गूगल के वाइस प्रसिडेंट हैं। गूगल का कैंपस खुद में ही एक दुनिया है। पीएम मोदी के लिए एक खास मौका होगा यह देखने का कि एक कंपनी को सच में कामयाब बनने के लिए किस तरह का वातावरण देना जरूरी होता है।
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