पाक में भड़की हिंसा में 6 की मौत 200 से ज्यादा घायल
इस्लामाबद:
पाक की राजधानी इस्लामाबाद में एक इस्लामी संगठन के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए. पाकिस्तान सरकार ने वहां सेना की तैनाती के आदेश दिए हैं. इससे पहले फैजाबाद इंटरचेंज पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के हटाने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा कार्रवाई की गई थी. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया जिसके जवाब में उन्होंने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे 200 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसमें 95 सुरक्षाकर्मी भी बताए जा रहे हैं. गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में शांति कायम करने के वास्ते अनिश्चित काल के लिए सेना की तैनाती की जाएगी. संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत स्थिति नियंत्रण में करने को लेकर सेना की तैनाती की गयी है.
सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है. सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी निजी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर भी रोक लगा दी. पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूव्वत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष हुआ. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किये.
यह भी पढ़ें: मिस्र : 21 लोगों के सिर काटने के आरोप में 7 लोगों को अदालत ने सुनाई मौत की सजा
प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है. प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाये जाने तक हटने से इनकार कर दिया है.
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इस घेराबंदी से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच प्रतिदिन सफर करते हैं. सरकार बल प्रयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया. यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था.
सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है. सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी निजी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर भी रोक लगा दी. पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूव्वत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष हुआ. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किये.
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प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है. प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाये जाने तक हटने से इनकार कर दिया है.
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इस घेराबंदी से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच प्रतिदिन सफर करते हैं. सरकार बल प्रयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया. यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था.
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