प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
बांग्लादेश में अज्ञात हमलावरों ने 40 साल के एक धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर की उसके फ्लैट में धारदार हथियार से गला काटकर निर्मम हत्या कर दी। अलकायदा से जुड़े स्थानीय समूह ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। देश में छह महीने से भी कम समय के अंदर यह चौथे ब्लॉगर की हत्या हुई है।
निलय चक्रवर्ती नील की अज्ञात लोगों ने ढाका के उत्तरी गोरहान इलाके में हत्या की। उनका शव पांचवीं मंजिल स्थित उनके फ्लैट से बरामद किया गया।
खिलगांव के प्रभारी पुलिस अधिकारी मुस्तफीजुर रहमान ने बताया कि नील की पांचवीं मंजिल पर स्थित उनके फ्लैट में हत्या की गई। जुमे की नमाज के बाद पांच हमलावर फ्लैट के भीतर दाखिल हुए और अंदर मौजूद उनकी पत्नी और दोस्तों को धक्का दिया। इसके बाद उन्होंने नील पर हमला कर दिया। हत्या के बाद शहर में प्रदर्शन शुरू हो गए।
पुलिस अधिकारी मुस्तफीजुर रहमान ने कहा, 'हमलावरों ने खुकरी का इस्तेमाल किया... ऐसा लगता है कि उन लोगों ने ब्लॉगर पर तब तक वार किया जब तक उनकी मौत नहीं हो गई।' उन्होंने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारी नील अपने परिवार के साथ फ्लैट में रहते थे। ब्लॉगर के तौर वह अपने धर्मनिरपेक्ष लेखों के लिए जाने जाते थे। वह निलोय नील नाम से ब्लॉग लिखा करते थे।
भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा की बांग्लादेश शाखा 'अंसार-अल-इस्लाम' ने ब्लॉगर की हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस समूह ने एक बयान में कहा, 'अलहमदुल्लिाह... अंसार-अल-इस्लाम के मुजाहिदीनों ने अल्लाह के दुश्मन का कत्ल करने के लिए अभियान को अंजाम दिया है।'
गौरतलब है कि खुद को समूह का प्रवक्ता बताकर मुफ्ती अब्दुल्ला अशरफ ने जो ईमेल भेजा है उसकी प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
बीडीन्यूज ने ब्लॉगर के करीबी दोस्तों के हवाले से बताया कि नील को हाल ही में अपनी लेखनी को लेकर कई बार धमकियां मिली थीं। उन्होंने हाल ही में अपने फेसबुक पेज से सभी तस्वीरें हटा लीं थी और धमकियां मिलने के बाद कोलकाता में रहने लगे थे।
नील की मित्र सुप्रिति धर ने बताया कि वह भारत में रहा करते थे और एक साल पहले बांग्लादेश लौटे थे। नील 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों को मौत की सजा की मांग करने वाले समूह 'गणजागरण मंच' के कार्यकर्ता भी थे।
गणजागरण मंच के प्रवक्ता इमरान और सरकार ने कहा कि हमलावर फ्लैट में खुद को किरायेदार बताकर दाखिल हुए। सरकार ने कहा, 'निलय एक नियमित ब्लॉगर थे..वह इस्लामवादियों के निशाने पर थे।'
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) भी इस घटना से संबंधित सबूत एकत्र करने में पुलिस के साथ शामिल हो गया है।
बांग्लादेश में इस साल यह चौथे ब्लॉगर की हत्या की गई। इसी साल मई में नकाबपोश हमलावरों ने सिलहट शहर में 33 साल के ब्लॉगर अनंत विजय दास की हत्या कर दी थी।
इससे पहले इसी साल फरवरी महीने में 45 साल के ब्लॉगर अविजीत रॉय की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनकी पत्नी बाल बाल बच गई थीं। इसके बाद ब्लॉगर वशीकुर रहमान की हत्या की गई। मारे गए ये तीनों लोग गणजागरण मंच में शामिल थे।
मंच के कार्यकर्ता और ब्लॉगर अहमद रजीब हैदर की दो साल पहले मीरपुर स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।
निलय चक्रवर्ती नील की अज्ञात लोगों ने ढाका के उत्तरी गोरहान इलाके में हत्या की। उनका शव पांचवीं मंजिल स्थित उनके फ्लैट से बरामद किया गया।
खिलगांव के प्रभारी पुलिस अधिकारी मुस्तफीजुर रहमान ने बताया कि नील की पांचवीं मंजिल पर स्थित उनके फ्लैट में हत्या की गई। जुमे की नमाज के बाद पांच हमलावर फ्लैट के भीतर दाखिल हुए और अंदर मौजूद उनकी पत्नी और दोस्तों को धक्का दिया। इसके बाद उन्होंने नील पर हमला कर दिया। हत्या के बाद शहर में प्रदर्शन शुरू हो गए।
पुलिस अधिकारी मुस्तफीजुर रहमान ने कहा, 'हमलावरों ने खुकरी का इस्तेमाल किया... ऐसा लगता है कि उन लोगों ने ब्लॉगर पर तब तक वार किया जब तक उनकी मौत नहीं हो गई।' उन्होंने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारी नील अपने परिवार के साथ फ्लैट में रहते थे। ब्लॉगर के तौर वह अपने धर्मनिरपेक्ष लेखों के लिए जाने जाते थे। वह निलोय नील नाम से ब्लॉग लिखा करते थे।
भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा की बांग्लादेश शाखा 'अंसार-अल-इस्लाम' ने ब्लॉगर की हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस समूह ने एक बयान में कहा, 'अलहमदुल्लिाह... अंसार-अल-इस्लाम के मुजाहिदीनों ने अल्लाह के दुश्मन का कत्ल करने के लिए अभियान को अंजाम दिया है।'
गौरतलब है कि खुद को समूह का प्रवक्ता बताकर मुफ्ती अब्दुल्ला अशरफ ने जो ईमेल भेजा है उसकी प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
बीडीन्यूज ने ब्लॉगर के करीबी दोस्तों के हवाले से बताया कि नील को हाल ही में अपनी लेखनी को लेकर कई बार धमकियां मिली थीं। उन्होंने हाल ही में अपने फेसबुक पेज से सभी तस्वीरें हटा लीं थी और धमकियां मिलने के बाद कोलकाता में रहने लगे थे।
नील की मित्र सुप्रिति धर ने बताया कि वह भारत में रहा करते थे और एक साल पहले बांग्लादेश लौटे थे। नील 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों को मौत की सजा की मांग करने वाले समूह 'गणजागरण मंच' के कार्यकर्ता भी थे।
गणजागरण मंच के प्रवक्ता इमरान और सरकार ने कहा कि हमलावर फ्लैट में खुद को किरायेदार बताकर दाखिल हुए। सरकार ने कहा, 'निलय एक नियमित ब्लॉगर थे..वह इस्लामवादियों के निशाने पर थे।'
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) भी इस घटना से संबंधित सबूत एकत्र करने में पुलिस के साथ शामिल हो गया है।
बांग्लादेश में इस साल यह चौथे ब्लॉगर की हत्या की गई। इसी साल मई में नकाबपोश हमलावरों ने सिलहट शहर में 33 साल के ब्लॉगर अनंत विजय दास की हत्या कर दी थी।
इससे पहले इसी साल फरवरी महीने में 45 साल के ब्लॉगर अविजीत रॉय की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनकी पत्नी बाल बाल बच गई थीं। इसके बाद ब्लॉगर वशीकुर रहमान की हत्या की गई। मारे गए ये तीनों लोग गणजागरण मंच में शामिल थे।
मंच के कार्यकर्ता और ब्लॉगर अहमद रजीब हैदर की दो साल पहले मीरपुर स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।
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