
(फाइल फोटो)
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अक्टूबर और नवंबर के बीच पूर्ण और आंशिक तौर पर 354 गाव जलाए गए
ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने सोमवार को दिया बयान
HRW ने उपग्रह द्वारा प्राप्त तस्वीरों के आधार पर नवीनतम घटनाओं की जांच की
समूह ने एक बयान में कहा कि कुछ मामले उसी समय सामने आए, जब बांग्लादेश और म्यांमार की सरकारों ने हजारों निर्वासित शरणार्थियों की वापसी के लिए 23 नवंबर को एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
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एचआरडब्ल्यू एशिया के निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा कि रोहिंग्या गांवों को निरंतर खत्म किए जाने से पता चलता है कि निर्वासित शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता केवल एक दिखावा था.
VIDEO : रोहिंग्या का मामला मानवीय मुद्दा: SC
एडम्स ने कहा, 'उपग्रह की तस्वीरों से पता चलता है कि रोहिंग्या के गांवों को लगातार नष्ट किया जा रहा है, जिसे म्यांमार सेना खारिज कर रही है. म्यांमार सरकार की शरणार्थियों की वापसी की प्रतिबद्धता को गंभीरता से नहीं लिया गया है.'संगठन ने म्यांमार की सेना पर सैन्य कार्रवाई के दौरान हत्या और दुष्कर्म सहित कई तरह के अत्याचारों का आरोप लगाया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)