
- माली के कायेस क्षेत्र में स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से तीन भारतीय नागरिकों का एक जुलाई को संदिग्ध आतंकवादियों ने अपहरण किया था.
- अपहरण का आरोप अल-कायदा से जुड़े जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन समूह पर है, जिसने अभी तक जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की है.
- अपहरण किए गए भारतीयों में जयपुर के प्रकाश चंद जोशी, तेलंगाना के अमरलिंगेश्वर राव और ओडिशा के पी वेंकटरामन शामिल हैं.
पश्चिम अफ्रीकी देश माली में तीन भारतीय नागरिकों का 1 जुलाई को अपहरण कर लिया गया था. इसमें एक राजस्थान का निवासी था, एक तेलंगाना का और एक ओडिशा का इंजीनियर. इन तीनों का अपहरण अल-कायदा से जुड़े समूह जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) से जुड़े संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा सशस्त्र हमले के दौरान हुआ था. यह घटना पश्चिमी माली के कायेस क्षेत्र में स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में हुई थी.
अभी तक इस आतंकी समूह ने सार्वजनिक रूप से कोई जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन हमले को JNIM द्वारा किए गए हालिया ऑपरेशंस से जोड़ा गया है. समूह ने पहले माली, नाइजर और बुर्किना फासो में विदेशी श्रमिकों, सरकारी ठिकानों और सैन्य चौकियों को निशाना बनाया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने किडनैप किए गए भारतीय व्यक्तियों की पहचान की पुष्टि की है और कहा है कि वह माली के अधिकारियों, स्थानीय पुलिस और तीनों के परिवारों के साथ नियमित संपर्क में है.
“आखिरी बार 30 जून की रात बात हुई थी”
जयपुर से बात करते हुए, प्रकाश चंद जोशी की पत्नी सुमन जोशी ने कहा कि उनके पति को सीमेंट फैक्ट्री से "हथियारबंद लोगों ने जबरन" उठा लिया था. उन्होंने कहा कि अपहरण के बाद से उनसे कोई सीधा संपर्क नहीं हुआ है. परिवार सहायता के लिए विदेश मंत्रालय के पास पहुंचा है और भारत सरकार से उसकी जल्द से जल्द रिहाई की अपील की है.
मिर्यालागुडा में, अमरलिंगेश्वर राव की पत्नी वेंकटरमण ने कहा कि जिस कंपनी में वह काम करते थे, उसी ने उन्हें अपहरण की सूचना दी थी. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "मैंने उनसे आखिरी बार 30 जून की रात को बात की थी. तब से कोई संपर्क नहीं हुआ है. हमें सरकार से अब तक कोई आधिकारिक अपडेट नहीं मिला है." दंपति के तीन बच्चे हैं और परिवार ने हस्तक्षेप के लिए सार्वजनिक रूप से अपील की है.
वहीं ओडिशा में, वेंकटरमन की मां पी नरसम्मा ने कहा कि उन्हें 4 जुलाई को कंपनी के एक अधिकारी का फोन आया था, जिसमें बताया गया था कि उनका बेटा "पुलिस हिरासत में" है, लेकिन बाद में अपुष्ट खबरें आईं कि उसका अपहरण कर लिया गया है. उन्होंने परेशान होकर कहा, "पहले उन्होंने कहा कि वह हिरासत में है, अब हम सुन रहे हैं कि उसे पकड़ लिया गया है."
साहेल क्षेत्र में माली, नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं. यहां 2012 के बाद से हिंसा में लगातार वृद्धि देखी गई है, जब उत्तरी माली से विद्रोह फैलना शुरू हुआ था. राजनीतिक अस्थिरता, उग्रवादी इस्लामी समूहों के उदय और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार-पुलिस की कमजोर उपस्थिति के कारण संघर्ष को बढ़ावा मिला है. इस साल की शुरुआत में वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) ने इस क्षेत्र को वैश्विक आतंकवाद का वर्तमान केंद्र बताया था, जो वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से संबंधित सभी मौतों में से आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 400 भारतीय नागरिक वर्तमान में माली में रहते हैं और काम करते हैं. इनमें से कई निर्माण, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में हैं. मालिया की राजधानी बमाको में भारतीय दूतावास घटना के बाद से स्थानीय अधिकारियों और कानून प्रवर्तन के साथ "निकट और लगातार संपर्क" में है.
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