ऑस्ट्रेलिया के मुख्य शहर सिडनी के एक लोकप्रिय कैफे में एक बंदूकधारी द्वारा 17 लोगों को बंधक बनाए जाने से जुड़ा संकट आखिरकार 17 घंटों के बाद पुलिस की कार्रवाई के साथ खत्म हो गया। इस घटना में तीन लोग मारे गए, हालांकि दो भारतीय सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे।
न्यू साउथ वेल्स के पुलिस आयुक्त एंड्रयू पी स्किपियोन ने प्रांतीय प्रीमियर माइक बेयर्ड के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 50 साल के बंदूकधारी हारून मोनिस तथा दो बंधक मारे गए हैं और करीब चार लोग घायल हुए हैं।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि बंदूकधारी को गोली मारी गई और एक स्थानीय अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
उसने कहा कि दो बंधकों- 34 वर्षीय पुरुष और 38 वर्षीय महिला को भी अस्पताल में मृत घोषित किया गया। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी सहित चार लोग घायल हुए हैं।
कैफे में बंधक बनाए गए दो भारतीय नागरिक- विश्वकांत अंकित रेड्डी और पुष्पेंदु घोष सुरक्षित बाहर निकल गए। रेड्डी आईटी कंपनी इंफोसिस के कर्मचारी हैं, लेकिन घोष के बारे में ब्यौरा नहीं मिला है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली में कहा कि दोनों भारतीयों की चिकित्सा जांच हुई है।
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिडनी संकट के संदर्भ में कहा कि इम्तिहान की इस घड़ी में भारत आस्ट्रेलिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। सिडनी के कैफे में कोहराम मचाने वाले बंदूकधारी के पूर्व वकील ने 50 वर्ष के इस शख्स को अलग थलग रहने वाला व्यक्ति बताया है, जो अकेले इस घटना को अंजाम दे रहा था।
यह बंदूकधारी 1996 में शरणार्थी के तौर पर ऑस्ट्रेलिया आया था। वह अफगानिस्तान में अपनी जान गंवाने वाले ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के परिवारों को चिट्ठियां लिखकर चर्चा में आया, जिन्हें वह हत्यारे कहा करता था।
पिछले साल नवंबर में उस पर अपनी पूर्व पत्नी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा, जिसे उसके आवासीय परिसर में चाकू घोंपकर मौत के घाट उतार दिया गया था। मार्च में उस पर एक युवती के यौन शोषण और उस पर अभद्र हमला करने का आरोप लगा।
उसने सिडनी व्यवसायिक जिले के बीचोंबीच स्थित मार्टिन प्लेस के लिंट चॉकलेट कैफे में था, जब बंदूकधारी ने कैफे में प्रवेश किया और वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लिया।
हालांकि भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल ब्रिस्बेन में है और वह स्थान सिडनी से करीब 700 किलोमीटर के फासले पर है, लेकिन यहां के संकट को देखते हुए वहां भारतीय टीम की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने भारत सरकार को बताया है कि भारतीय टीम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
न्यूसाउथ वेल्स के इस राजधानी शहर में लोगों को बंधक बनाए जाने के बारे में सूचना मिलते ही अधिकारियों ने निकटवर्ती सड़कों को सील कर दिया। आसपास की इमारतों को खाली करा लिया और रेल सेवाएं निलंबित कर दीं।
पुलिस ने क्रिसमस से ऐन पहले हुई इस घटना से निपटने के लिए टास्क फोर्स पायनियर को सक्रिय कर दिया, जिसका इस्तेमाल आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में किया जाता है।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि मोनिस स्वयंभू ‘मुस्लिम तांत्रिक’ था और वेंटवर्थविल में स्टेशन स्ट्रीट परिसरों में सक्रिय रहता था। आरोप है कि वह स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को ‘आध्यात्मिक सलाह’ देने की पेशकश करता था। उसका दावा था कि वह ज्योतिष, अंकशास्त्र, ध्यान और काले जादू का माहिर है। शहर के बीचोंबीच स्थित मार्टिन प्लेस एक व्यस्त इलाका है, जो संसदीय, कानूनी और खुदरा परिसरों को जोड़ता है। सिडनी ओपेरा हाउस, स्टेट लायब्रेरी, अमेरिका वाणिज्य दूतावास और तमाम अदालतें यहीं हैं, जिन्हें घटना के बाद खाली करा लिया गया। टेलीविजन फुटेज में यह दिख रहा था कि कैफे की खिड़की पर हाथ टिकाए लोग काला झंडा लिए खड़े हैं, जिस पर अरबी लिपि शहादा में मस्जिद में रोज पढ़ी जाने वाली नमाज का मजमून लिखा है। प्रदर्शित झंडा ‘इस्लामिक स्टेट’ का नहीं है।
सरकार का कहना है कि यह झंडा जिहादी समूहों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले झंडों जैसा दिख रहा है। काले झंडे पर लिखा है, अल्लाह के अलावा और कोई खुदा नहीं है।
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