टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के लिए टीम इंडिया को इन 5 कमजोरियों से पाना होगा पार

टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के लिए टीम इंडिया को इन 5 कमजोरियों से पाना होगा पार

रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी कुछ खास नहीं कर पा रही है (फाइल फोटो)

पूरे टूर्नामेंट में बेमिसाल विराट कोहली के प्रदर्शन से टीम इंडिया ने टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में तो जगह बना ली है, लेकिन अभी भी राह आसान नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि टीम एक ही बल्लेबाज के कंधे पर टिकी हुई है। क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है, ऐसे में यदि विराट जल्दी आउट हो गए, जैसा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ था, तो टीम मुश्किल में पड़ सकती है। सेमीफाइनल में उसका मुकाबला वेस्टइंडीज से है, जो मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 31 मार्च को शाम 7.30 बजे से खेला जाएगा। उसके सामने एक ऐसी टीम है, जो कभी-भी कुछ भी कर सकती है। यदि वह अफगानिस्तान से हार गई, तो दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी दिग्गज टीमों को हराया भी है। ऐसे में टीम इंडिया निश्चिंत होकर नहीं बैठ सकती, क्योंकि मुंबई का विकेट बैटिंग के अनुकूल होगा, जिसमें क्रिस गेल खतरनाक साबित हो सकते हैं। हम आपको भारत की उन कमियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें उसे हर हालत में दूर करना होगा-

रोहित शर्मा की लापरवाही
रोहित शर्मा जब लय में होते हैं, तो उनका कोई जवाब नहीं, लेकिन यह तूफानी बल्लेबाज जमने पर भी विकेट फेकने के लिए जाना जाता है। इस वर्ल्ड कप से पहले तक रोहित ने कुछ जिम्मेदारी भरी पारियां भी खेली थीं, लेकिन एक बार फिर वह पुराने ढर्रे पर लौट गए हैं। वर्ल्ड टी-20 के लगभग हर मैच में उन्होंने कमजोर गेंद के सामने अपनी गलती से विकेट गंवाया है। जरा उनके प्रदर्शन पर नजर डालिए- रोहित 20 रन का स्कोर भी पार नहीं कर पाए। उन्होंने इस अहम टूर्नामेंट में 4 मैच खेले हैं, जिनमें कुल 45 रन जोड़े हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 18 रन रहा और औसत 11.25 है। ऐसे में उनका सीरियस होना जरूरी है अन्यथा टीम पर कभी भी संकट आ सकता है।

शिखर धवन में निरंतरता की कमी
शिखर धवन पर टीम मैनेजमेंट ने हमेशा ही भरोसा जताया है, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। हालांकि वह बीच-बीच में एक-दो पारी खेलकर अपनी जगह बचा लेते हैं, लेकिन इससे टीम को नुकसान उठाना पड़ रहा है और ओपनिंग अच्छी नहीं होने से विराट और रैना पर दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने वर्ल्ड टी-20 में 4 मैच खेले हैं और 43 रन बनाए हैं। उनका बेस्ट 23 रहा और औसत
10.75 का है। यदि उनका यही हाल रहा, तो धोनी को अजिंक्य रहाणे के बारे में सोचना पड़ेगा।

सुरेश रैना का बैटिंग में बुरा हाल
टीम इंडिया का मध्यक्रम विराट कोहली के बाद सबसे अधिक सुरेश रैना पर निर्भर रहता है, लेकिन रैना की शॉर्ट बॉल के सामने कमजोरी टीम पर भारी पड़ रही है। लगभग हर मैच में ओपनर फेल हो रहे हैं, ऐसे में विराट और रैना पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है और उनसे पारी संभलने की उम्मीद भी रहती है, लेकिन रैना यह काम नहीं कर पा रहे हैं। यदि विराट भी किसी मैच में जल्दी आउट हो गए, तो टीम को हार से कोई नहीं बचा पाएगा, क्योंकि निचले क्रम पर धोनी का कोई साथ नहीं दे पा रहा है। रैना ने गेंदबाजी (4 मैच, 3 विकेट) में जरूर अच्छा किया है, लेकिन बल्लेबाजी में बुरी तरह फेल रहे हैं। उनके बल्ले से 4 मैचों में 41 रन निकले हैं, जिसमें उनका बेस्ट 30 रन है और औसत 10.25 है।

रवींद्र जडेजा में भी है समस्या
सबसे पहले रवींद्र जडेजा की बात। जडेजा ने बॉलिंग में रन तो रोके, लेकिन विकेट नहीं ले पाए, वहीं बल्लेबाजी में तो उनका और बुरा हाल है। वह अब तक किसी भी मैच में रन नहीं बना पाए हैं और न ही अपनी बैटिंग में सुधार करते हुए दिख रहे हैं, जबकि टीम में वह ऑलराउंडर की हैसियत से हैं। अब यदि स्पिनिंग विकेट हुआ तो वह गेंदबाजी में कुछ कर पाएंगे, लेकिन फ्लैट विकेट पर उनकी बॉलिंग भी टीम पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि तब विरोधी बल्लेबाज उनकी जमकर पिटाई कर सकते हैं।

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कोहली-धोनी पर अत्यधिक निर्भरता
टीम इंडिया की बैटिंग काफी हद तक विराट कोहली पर निर्भर है, वहीं अंतिम क्षणों में वह धोनी पर आकर टिक जाती है। न्यूजीलैंड के खिलाफ हम इसीलिए हार गए थे, क्योंकि कोहली के आउट होने के बाद धोनी का साथ देने के लिए कोई नहीं बचा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोहली-धोनी ने आखिरी 51 रन 21 बॉल पर बनाए, तब जाकर कहीं जीत मिली।