धोनी को 2012 टी-20 वर्ल्ड कप की आई याद, जब एक मैच हारकर हुए थे टूर्नामेंट से बाहर

धोनी को 2012 टी-20 वर्ल्ड कप की आई याद, जब एक मैच हारकर हुए थे टूर्नामेंट से बाहर

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी...

नई दिल्ली:

वर्ल्ड टी-20 के शुरुआती मुकाबले में टीम इंडिया को बड़ी हार मिली है। इसका मतलब यह है कि अब सेमी फाइनल में पहुंचने के लिए बाकी तीनों मैच जीतने होंगे और सिर्फ जीत से ही काम नहीं बनने वाला है। बड़ी जीत दर्ज करनी होगी, तभी सेमीफाइनल में जाने की गारंटी मिलेगी।

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कहते हैं कि कीवी टीम के खिलाफ बड़ी हार का टीम को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि अब सिर्फ जीत से ही नहीं बल्कि बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी तभी जाकर अगले दौर में पहुंचने की उम्मीद बंधेगी।

धोनी ने कहा कि हाल ही में एक टी-20 विश्व कप ऐसा भी रहा था जिसमें टीम इंडिया महज़ एक मैच हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी..

कप्तान जिस विश्व कप का ज़िक्र कर रहे हैं वो 2012 में श्रीलंका में खेला गया था...वहां टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के हाथों महज़ एक हार मिली थी..उसके अलावा ग्‌ुप स्टेज के बाकी 4 मैचों में भारत ने अफ़गानिस्तान, इंग्लैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बावजूद टीम इंडिया टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी

धोनी के जहन में यह घाव अभी भी ताजा हैं और इस बार तो ग्रुप और भी मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया जैसी टॉप टीम, एशिया कप फ़ाइनल में पहुंचने वाली बांग्लादेश टीम और पाकिस्तानी टीम जो कभी भी किसी भी टीम को हरा सकती है। कीवी टीम के खिलाफ हार के बाद पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में टीम इंडिया पर दबाव होना लाजिमी है, लेकिन कप्तान इस पर कुछ और राय रखते हैं।

धोनी ने कहा कि हम तो ऐसा कुछ नहीं कह रहे न सोच रहे हैं। जहां तक बात जीत के दबाव की है तो वह तो हर मैच में रहेगा, क्योंकि यहां से अब करो या मरो की स्थिति है, जिसमें सभी मैच टीम इंडिया के लिए जीतना ज़रूरी है।

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मतलब साफ है, 'करो या मरो' यहां से हर मैच नॉकआउट मैच की तरह खेलना होगा। हारे तो विश्व विजेता बनने का सपना टूटेगा और जीते तो उम्मीद बंधेगी।