जानिए कब-कब टीम इंडिया ने विश्व कप में बड़ी हार के बाद की ज़ोरदार वापसी

जानिए कब-कब टीम इंडिया ने विश्व कप में बड़ी हार के बाद की ज़ोरदार वापसी

महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

विश्वकप की दावेदार को पहले ही मैच में मिली हार, जो थी टीम इंडिया की ताकत, वही बनी कमज़ोरी, अब क्या इस हार से उबर पाएंगे? ज़ोरदार वापसी कर क्या सेमी फ़ाइनल में जगह बना पाएंगे?

ये वे सवाल हैं जो कीवी टीम के खिलाफ़ बड़ी हार के बाद हर क्रिकेट प्रेमी के ज़हन में घूम रहे हैं। इस पर कप्तान धोनी के जवाब में जो भरोसा नज़र आया, वो आगे के मैचों में मैदान पर दिखा तो कुछ सुकून इन फ़ैन्स को ज़रूर मिलेगा।

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि "मुझे नहीं लगता इस हार का टीम पर बड़ा असर पड़ेगा। मैं हमेशा टीम से कहता हूं कि तुम्हें ये देखना है कि तुम किस तरह का क्रिकेट खेल रहे हो। तुमने क्या गलतियां कीं, ना कि ये सोचो कि हमने सिर्फ़ 80 या 90 रन बनाए। ज़रूरी यह है कि अब turnaround कैसे करें, और ज़ोरदार वापसी कैसे करें। मुझे लगता है कि इस टीम ने ये काम बहुत बार किया है। 2011 विश्व कप में भी यही किया था। ये टीम बड़ी हार के बाद ज़ोरदार वापसी करती रही है।"

कप्तान धोनी ने ज़ोरदार वापसी की ओर इशारा किया और वो इसलिए क्योंकि ये टीम ऐसा लगातार करती रही है।

- 2011 विश्व कप में भी टीम के कुछ ऐसे ही हालात थे। ग्रुप स्टेज में दूसरे मैच में 338 रन बनाने के बावजूद इंग्लैंड के खिलाफ़ मैच टाई हो गया फिर दक्षिण अफ्रीका से 296 रन बनाने के बाद हार गए लेकिन फिर शानदार वापसी करते हुए विश्व कप जीता

- 2007 टी-20 विश्व कप में भी कीवी टीम से ग्रुप स्टेज में 10 रनों से हारे थे, लेकिन ज़ोरदार वापसी करते हुए विश्व कप जीता।

- 2003 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने 125 रनों पर ही समेट दिया था। बड़ी हार मिली थी लेकिन फिर टूर्नामेंट में कोई और टीम नहीं हरा सकी। फ़ाइनल तक पहुंचे और ऑस्ट्रेलिया से हारे।

लेकिन इन सबके बावजूद कप्तान धोनी मानते हैं कि ये मैच उनके लिए एक बड़ा वेक-अप कॉल साबित हुआ है।

धोनी ने ये सवाल पूछे जाने पर कि क्या ये हार टीम इंडिया के लिए वेक-अप कॉल साबित हुई है, उस पर कहा कि हां, ये टीम इंडिया के लिए एक वेक-अप कॉल की तरह है। इस हार ने हमें नींद से जगा दिया और ये सोचने पर मजबूर किया है कि यहां से बल्लेबाज़ों को और ज़िम्मेदारी लेनी होगी, और ज्यादा ज़िम्मेदारी से बल्लेबाज़ी करनी होगी क्योंकि अब किसी भी गलती की कोई गुंजाइश बाकी नहीं रह गई है।

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इस हार ने ना सिर्फ़ टीम को झटका दिया है बल्कि ये सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या वाकई टीम इंडिया विश्व कप जीतने की सबसे मज़बूत दावेदार है।