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This Article is From Mar 26, 2016

भारत-ऑस्ट्रेलिया मुकाबला : विरोधी भी हैं विराट कोहली के मुरीद

भारत-ऑस्ट्रेलिया मुकाबला : विरोधी भी हैं विराट कोहली के मुरीद
विराट कोहली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: मैदान के अंदर या फिर मैदान के बाहर विराट कोहली के तेवर में कोई फ़र्क नहीं है। जब मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के साथ हो तो विराट के खेल का स्तर अपने आप ऊंचा हो जाता है।

कोहली और ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्ता कितना अच्छा रहा है यह 2014-15 में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और फिर इसी साल खेले गए वनडे और T20 सीरीज़ में सब देख चुके हैं। विराट ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ के आउट होने के बाद जो रिएक्शन दिया उसकी सभी ने आलोचना की लेकिन इससे उनके खेल पर कोई असर नहीं पड़ा।

कंगारुओं के खिलाफ तीनों फार्मेट में सफल
पिछले कुछ समय से कोहली ने अपनी बल्लेबाजी से क्रिकेट के तीनों फ़ॉर्मेट में कंगारुओं को बैकफुट पर रखा है। 2014-15 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोहली ने 4 टेस्ट में 86.5 के औसत से 692 रन बनाए। इसमें 4 शतक शामिल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ के 5 मैचों में 76.2 के औसत से 381 रन विराट के बल्ले से निकले, तो T20 सीरीज़ के 3 मैचों में 3 अर्द्धशतक की मदद से कोहली ने 199 रन बटोरे हैं।

स्लेजिंग से मिलती है अच्छे प्रदर्शन की प्रेरणा
मोहाली में भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को विराट से सावधान रहने की ज़रूरत है। कंगारुओं के साथ मैच से पहले विराट ने साफ कर दिया कि उनका ध्यान खेल पर है लेकिन किसी ने छेड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे। विराट ने कहा, 'मुझे अपने प्लान के मुताबिक खेलना है लेकिन अगर स्लेजिंग होती है तो इससे मेरे प्लान में कोई बदलाव नहीं होगा। मेरा ध्यान अपनी टीम को जीत दिलाने पर होता है। स्लेजिंग की वजह से मुझे और अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जुनून के साथ खेलते हैं और मैं भी उसी जुनून से खेलता हूं।'

मुश्किल पलों में भी संयम नहीं खोते कोहली
दूसरी तरफ बड़े मैच के बड़े खिलाड़ी बन चुके विराट ने विरोधियों को भी अपने बल्ले से निकले शॉट की तारीफ करने पर मजबूर कर दिया। ऑस्ट्रेलियाई ऑल-राउंडर शेन वॉटसन ने भी कोहली की जमकर तारीफ की। वॉटसन ने कहा, 'कोहली को अपने खिलाफ रन बनाते नहीं देखना चाहता लेकिन विराट बड़ी आसानी से बॉल को फील्डरों के बीच से निकालते हैं और गेंद को बाउंड्री के पास पहुंचा देते हैं। वे मुश्किल पल में संयम रखते हुए बल्लेबाजी करते हैं। हम पाकिस्तान के खिलाफ उनका कारनामा देख चुके हैं। विराट को बल्लेबाजी करते देखना आश्चर्यजनक है।'

विराट के खिलाफ कारगर नहीं ऑस्ट्रेलिया की रणनीति
आईसीसी वर्ल्ड टी20 के बाद क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर चुके वॉटसन ने स्वीकार किया कि कोहली के खिलाफ उनकी रणनीति सफल नहीं रही है। वॉटसन कहते हैं, 'मैं और मेरे साथी खिलाड़ियों ने कई बार कोहली का ध्यान भंग करने की कोशिश की है लेकिन सफल नहीं हुए हैं। उनके खिलाफ हमारी रणनीति कारगर नहीं हुई है।'

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