भुवनेश्वर कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्लेइंग 11 ही नहीं... भारत की बेंच भी है मज़बूत...। यूएई के खिलाफ़ भुवनेश्वर कुमार ने अपना पुराना रंग दिखाया है। यूएई के खिलाफ़ भुवनेश्वर की स्विंग देखकर उनके पुराने और शुरुआती दिन याद आ गए...।
यही नहीं स्विंग के साथ उन्होंने रफ़्तार भी दिखाई है। उन्होंने करीब 140 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से गेंदबाज़ी की। अब क्यों इस खिलाड़ी भारत की प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा जाता। इसका मतलब तो साफ है कि भारतीय टीम या तो वाकई बहुत मज़बूत है या फिर भुवनेश्वर बहुत अनलकी।
लेकिन सच यह है कि भुवनेश्वर की ये स्विंग कहीं खो गई थी। जो मेहनत और अभ्यास के बाद वापस लौटी है, जिससे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी खासा खुश हैं।
धोनी कहते हैं कि भुवनेश्वर एक मेहनती गेंदबाज़ हैं, वो नेट्स और जिम में काफ़ी मेहनत करते हैं। इससे उनकी रफ़्तार बढ़ी है लेकिन आप रफ़्तार के लिए अपनी स्विंग को नहीं गंवा सकते, जो हमारे लिए एक अच्छी बात है। एक जगह पर निरंतर गेंदबाज़ी करने में वो माहिर हैं।
धोनी ने कहा कि भुवी को अच्छा ब्रेक मिला और उन्होंने इसका फ़ायदा उठाया है और शमी के फ़िट ना होने की सूरत में हमारे पास एक गेंदबाज़ उनकी जगह लेने के लिए तैयार है।
भुवनेश्वर की 24 में से 20 गेंदों पर कोई रन नहीं बन सका है। उनके 4 ओवर में कुल 8 रन ही बने। इस बीच उन्होंने 2 विकेट भी झटक लिये।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ सीरीज़ में भुवनेश्वर की औसत करीब 50 (49.57) की रही थी और इकॉनोमी थी 7.13...
वनडे सीरीज़ के फ़ाइनल में उन्होंने 10 ओवरों में 106 रन खर्च दिए जो वनडे इतिहास में दूसरे सबसे ज्यादा रन है। लेकिन इसके बाद लिस्ट ए मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया में वापसी की, लेकिन 2 वनडे ही खेल सके।
इस मैच में उन्हें नेहरा की जगह शामिल किया गया था और उनकी कमी किसी तौर पर भुवी ने खलने नहीं दी। मतलब साफ़ है कि शमी फ़िट ना भी हुए तो भारत के विजय अभियान पर भुवनेश्वर के रहते ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है।
यही नहीं स्विंग के साथ उन्होंने रफ़्तार भी दिखाई है। उन्होंने करीब 140 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से गेंदबाज़ी की। अब क्यों इस खिलाड़ी भारत की प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा जाता। इसका मतलब तो साफ है कि भारतीय टीम या तो वाकई बहुत मज़बूत है या फिर भुवनेश्वर बहुत अनलकी।
लेकिन सच यह है कि भुवनेश्वर की ये स्विंग कहीं खो गई थी। जो मेहनत और अभ्यास के बाद वापस लौटी है, जिससे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी खासा खुश हैं।
धोनी कहते हैं कि भुवनेश्वर एक मेहनती गेंदबाज़ हैं, वो नेट्स और जिम में काफ़ी मेहनत करते हैं। इससे उनकी रफ़्तार बढ़ी है लेकिन आप रफ़्तार के लिए अपनी स्विंग को नहीं गंवा सकते, जो हमारे लिए एक अच्छी बात है। एक जगह पर निरंतर गेंदबाज़ी करने में वो माहिर हैं।
धोनी ने कहा कि भुवी को अच्छा ब्रेक मिला और उन्होंने इसका फ़ायदा उठाया है और शमी के फ़िट ना होने की सूरत में हमारे पास एक गेंदबाज़ उनकी जगह लेने के लिए तैयार है।
भुवनेश्वर की 24 में से 20 गेंदों पर कोई रन नहीं बन सका है। उनके 4 ओवर में कुल 8 रन ही बने। इस बीच उन्होंने 2 विकेट भी झटक लिये।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ सीरीज़ में भुवनेश्वर की औसत करीब 50 (49.57) की रही थी और इकॉनोमी थी 7.13...
वनडे सीरीज़ के फ़ाइनल में उन्होंने 10 ओवरों में 106 रन खर्च दिए जो वनडे इतिहास में दूसरे सबसे ज्यादा रन है। लेकिन इसके बाद लिस्ट ए मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया में वापसी की, लेकिन 2 वनडे ही खेल सके।
इस मैच में उन्हें नेहरा की जगह शामिल किया गया था और उनकी कमी किसी तौर पर भुवी ने खलने नहीं दी। मतलब साफ़ है कि शमी फ़िट ना भी हुए तो भारत के विजय अभियान पर भुवनेश्वर के रहते ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है।
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