उत्तराखंड पुलिस धर्मांतरण मामले में दोनों पीड़िताओं को मीडिया के सामने लेकर आई.
- उत्तराखंड के देहरादून में ऑनलाइन गेम के जरिए अवैध धर्मांतरण के एक मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है.
- पीड़िता ऑनलाइन लूडो गेम के माध्यम से पाकिस्तान के मौलवी तनवीर अहमद के संपर्क मे आई थी.
- पीड़िता से बातचीत शुरू होने के बाद धर्म परिवर्तन करने के लिए प्लान बनाया गया.
देश में अवैध धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. आगरा के बाद अब उत्तराखंड में ऐसे मामलों को लेकर कार्रवाई की जा रही है. देहरादून में धर्मातरण का एक और मामला सामने आया है, जिसे लेकर उत्तराखंड पुलिस ने केस दर्ज किया है. साथ ही इस मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि इस मामले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं. पुलिस ने बताया कि देहरादून की पीड़िता एक ऑनलाइन गेम के जरिए पाकिस्तानी शख्स के संपर्क में आई थी. इस मामले के जरिए जानते हैं कि आखिर कैसे लड़कियां धर्मांतरण गैंग के निशाने पर आती हैं और कैसे उनका ब्रेन वॉश कर उन्हें फंसाया जाता है.
देहरादून पुलिस के मुताबिक, 28 साल की पीड़िता सुमैया (बदला हुआ नाम) जो एक ऑनलाइन लूडो गेम के जरिए पाकिस्तान में रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से संपर्क में आई थी. पुलिस ने बताया कि सुमैया बरेली की रहने वाली है, लेकिन देहरादून में उसकी शिक्षा हुई और वह एक अच्छी पेंटर है.
लूडो के दौरान पाकिस्तानी से हुई दोस्ती
पुलिस ने बताया कि लूडो के दौरान पीड़िता की दोस्ती पाकिस्तान के ही एक अन्य शख्स तहसील से हुई, जो दुबई में नौकरी करता है. पीड़िता से बातचीत शुरू होने के बाद धर्म परिवर्तन करने के लिए प्लान बनाया गया. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि सुमैया 2 साल पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भी गई थी, जहां पर उसे रमजान के मौके पर बुलाया गया और धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया गया.
धर्मांतरण का मामला एक राज्य से नहीं बल्कि कई राज्यों से जुड़ा हुआ है. सबसे पहले उत्तर प्रदेश के आगरा से धर्मांतरण का मामला सामने आया, जो उत्तराखंड से भी जुड़ता है. देहरादून पुलिस के मुताबिक देहरादून के रानी पोखरी में 18 जुलाई को एक शिकायत के बाद धर्मांतरण का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि धर्मांतरण करवाने वाला गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन गेम्स के जरिए लड़कियों को टारगेट करता है. गिरोह परिवार से अलग रह रही युवतियों चाहे वह पढ़ने के लिए बाहर आई हों या फिर नौकरी के सिलसिले में उन्हें टारगेट करता था.
आखिर कैसे फंस जाती हैं लड़कियां?
रानी पोखरी की पीड़िता से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के जाल में एक देहरादून की लड़की भी फंसी हुई है. यह लड़की बरेली की रहने वाली है और इसकी शिक्षा देहरादून में ही हुई है. साथ ही वह रहती भी देहरादून में ही है. इस मामले में पुलिस ने जांच की तो पाया कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान और दुबई से जुड़े हैं. इसके अलावा मिस्र, ब्रिटेन और अन्य मुस्लिम देशों से भी इसके तार जुड़े माने जा रहे हैं. वहां से चाहे वह पैसे के माध्यम से हो या फिर अन्य तरीके से यह जुड़े हुए हैं.
देहरादून पुलिस के मुताबिक, 'Revert to Islam' नाम के कई ग्रुप बनाए गए हैं. पीड़िता ने भी यह ग्रुप ज्वाइन किया था. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने एक पाकिस्तानी एप्लीकेशन लूडो स्टार डाउनलोड किया और वहां पाकिस्तानियों के साथ लूडो खेलने लगी और पाकिस्तानियों के साथ संपर्क में आ गई. पीड़िता ने बताया कि जब उन लोगों से मेरी चैट होने लगी और उन्हें लगा कि मुझे इस्लाम में रूचि है और वह ग्रुप में मेरा स्वागत बड़ी गर्मजोशी और एक सेलिब्रिटी के रूप में करते थे, जिससे मुझे अच्छा लगने लगा और इस्लाम के लिए मेरा झुकाव और ज्यादा बढ़ गया. इसी दौरान पीड़िता समैया की एक बरेली की दोस्त ने 2022 में ऑनलाइन कलमा पढ़कर कहा कि अब तुम्हारा धर्मांतरण हो चुका है और तुम मुस्लिम रीति रिवाज से ही आगे की जिंदगी गुजरोगी.
धर्मांतरण गैंग के निशाने पर होती हैं ये लड़कियां
धर्मांतरण के लिए ऐसी लड़कियों को टारगेट किया जाता है, जो ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ज्यादा सक्रिय रहती हैं. इसके अलावा ऑनलाइन गेम के जरिए भी धर्म परिवर्तन कराने वाले टारगेट बनाते हैं. ऐसे लोग लड़कियों से बातचीत करते हैं और जब बहुत सारी चीज कॉमन मिलती है या उनको पता लगता है कि जिससे वह बात कर रहे हैं वह परेशान है तो उसके बाद पूरा गैंग उसका धर्म परिवर्तन करवाने में लग जाता है.
बच्चों से बात करें मां-बाप: पीड़िता
धर्मांतरण के आरोप में देहरादून में दो मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला 10 दिन पहले का है, जिसे हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म में कंवर्ट करने का खेल रचा गया और दूसरा सुमैया का है. पुलिस दोनों पीड़िताओं को मीडिया के सामने लेकर आई, जहां पर उन्होंने अपनी बात रखी और कहा कि मां-बाप को अपने बच्चों से बात करनी चाहिए. साथ ही कहा कि बच्चों को ऑनलाइन गेम या फिर सोशल मीडिया पर अपना समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए.
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