उत्तराखंड में वर्ष 2015-16 में हुई पुलिस उपनिरीक्षक सीधी भर्ती मामले की जांच में संदिग्ध पाए गए 20 उप निरीक्षकों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया. प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) वी मुरूगेशन ने बताया कि 2015-16 उपनिरीक्षक सीधी भर्ती में कथित अनियमिता की जांच सतर्कता विभाग द्वारा की जा रही है और उसकी अभी तक की जांच में 20 उपनिरीक्षक संदिग्ध पाए गए हैं.
वी मुरूगेशन ने बताया कि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जांच पूरी होने तक इन उपनिरीक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. निलंबित उपनिरीक्षकों में सर्वाधिक सात इस समय उधमसिंह नगर जिले में तैनात हैं, जबकि देहरादून में पांच, नैनीताल में चार और एक-एक चमोली, चंपावत, पौड़ी गढ़वाल और राज्य आपदा प्रतिवादन बल में तैनात हैं.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार सुशासन के लिए संकल्पबद्ध है और गड़बड़ी करने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा. उन्होंने कहा, ' भर्तियों में अनियमितताओं को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश में जल्द ही देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया जायेगा.'
गौरतलब है कि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही हैं. प्रदेश के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने से मचे बवाल के बाद सरकार ने इन्हें आयोजित करने की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग को सौंपी दी गई है.
वहीं, आयोग द्वारा आठ जनवरी को आयोजित पटवारी और लेखपाल पद की भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र भी लीक हो गया, जिसके बाद उसे भी रद्द करना पड़ा. यह परीक्षा अब दोबार 12 फरवरी को होगी.
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