- CM योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में अवैध बांग्लादेशियों की तलाश के लिए पुलिस अभियान तेज किया गया है
- लखनऊ पुलिस ने डीसीपी निपुण अग्रवाल के नेतृत्व में एयरपोर्ट के आसपास झुग्गी इलाकों में सघन जांच की है
- संदिग्ध लोग खुद को असम का निवासी बताते हैं और कूड़ा बीनने का काम करते हुए लगभग तेरह साल से लखनऊ में हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अवैध रूप से उत्तर प्रदेश में रह रहे बांग्लादेशियों को तलाश कर डिटेंशन सेंटर में भेजने के सख्त निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है. इसी क्रम में आज लखनऊ पुलिस ने राजधानी में एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया. यह कार्रवाई मुख्य रूप से लखनऊ एयरपोर्ट के आसपास बनी झुग्गियों में की गई, जहां संदिग्धों के होने की सूचना थी. डीसीपी निपुण अग्रवाल की अगुवाई में पुलिस टीम ने इन इलाकों की सघन जांच की. झुग्गियों में रहने वाले लोगों पर अवैध बांग्लादेशी होने का संदेह है. हालांकि, ये लोग खुद को असम का मूल निवासी बताते हैं.
कूड़ा बीनने का काम और दस्तावेजों का दावा
निवासियों का दावा है कि वे लगभग 13 साल पहले रोजी-रोटी की तलाश में लखनऊ आए थे और अब यहीं कूड़ा बीनने का काम करते हैं. पुलिस की जांच के दौरान इन संदिग्धों ने अपने पास आधार कार्ड, एनआरसी (NRC) और अन्य संबंधित दस्तावेज होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जब उनके पास वैध दस्तावेज हैं, तो उन्हें पुलिस की जांच से डरने की कोई बात नहीं है.
डिटेंशन सेंटर भेजने की तैयारी
फिलहाल, केवल लखनऊ ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की तलाश का अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि जितने भी अवैध बांग्लादेशी मिलेंगे, उन्हें पकड़कर डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. इसके बाद, कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए उन्हें वापस उनके देश भेजने की कार्रवाई की जाएगी.
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