देश के कई इलाकों में वैक्सीन की किल्लत एक बार फिर देखी जा रही है. गुजरात से लेकर बिहार और यूपी के कोविड टीकाकरण सेंटरों से लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. गाजियाबाद के मैदान में चल रहा टीकाकरण केंद्र अब रामभरोसे है. यहां हर रोज करीब 500 लोगों का टीकाकरण होता है लेकिन बुधवार को ये बंद रहा. पंकज कुमार फैक्ट्री से छुट्टी लेकर टीका लगवाने आए...इनको बुधवार को रामलीला मैदान का स्लॉट भी मिला, लेकिन जब वे वहां पहुंचे तो केंद्र बंद मिला.
गाजियाबाद के निवासी पंकज कुमार ने कहा कि ''मैंने कल रात को यहां की बुकिंग करवाई. मेरे पास मैसेज भी आया लेकिन टीका नहीं लगा. जबकि फैक्टरी से छुट्टी लेकर आया हूं. इसी तरह नमित भी अपनी मां को दूसरा डोज लगवाने के लिए आए लेकिन कोविन ऐप पर गाजियाबाद में बुधवार को केवल प्राइवेट अस्पताल में पेड टीकाकरण का स्लॉट ही दिख रहा था. नमित ने कहा ये देखिए केवल प्राइवेट अस्पताल में ही टीका का स्लॉट दिखा रहा है मुफ्त टीकाकरण का सरकारी स्लॉट मिल ही नहीं रहा है चार पांच दिन से ट्राई कर रहा हूं.
जिला अस्पताल में जगह-जगह केविड टीकाकरण केंद्र का निशान दिखा रहा है लेकिन जब हम यहां पहुंचे तो टीकाकरण केंद्र बंद पड़ा था.
मंगलवार को भी गाजियाबाद के 135 में से 118 टीकाकरण केंद्र बंद पड़े रहे और केवल 4800 लोगों को टीका लगग सका. करीब 22 हजार लोगों को वापस लौटना पड़ा. लेकिन जब हमने गाजियाबाद के CMO से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया. CMO डॉ एनके गुप्ता का कहना है कि बच्चों के नियमित टीकाकरण की वजह से आज कोविड की वैक्सीन के सेंटर बंद हैं.
गाजियाबाद ही नहीं नोएडा में भी टीकाकरण केंद्र ज्यादातर जगहों पर बंद रहे लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण होता रहा. नोएडा के सेक्टर 110 के कम्युनिटी सेंटर से भी तमाम लोग बिना वैक्सीन के लौट रहे थे..
यूपी ही नहीं गुजरात से लेकर बिहार तक में टीके की कमी देखी जा रही है. हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि 33 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में वैक्सीन की कमी की खबरें आ रही हैं. वहीं जून के महीने में यूपी सरकार ने एक करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा था.
सरकारी इश्तहार से अलग जमीन पर वैक्सीन के लिए कोविन पर रजिस्टर करवाने से लेकर टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन लगवाने के दौरान अब भी लोगों को कई चुनौतियों से दो चार होना पड़ रहा है.
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