Supertech Emerald Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) द्वारा UP के नोएडा के सेक्टर-93 में सुपरटेक (Supertech Emerald) के 40 मंजिला दो टावरों एपेक्स और सियेन को गिराए जाने का मंगलवार को आदेश दिए जाने के बीच एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के निवासियों ने इस जीत का श्रेय खासतौर पर उन वरिष्ठ नागरिकों को दिया जिन्होंने बिना थके एक दशक से भी अधिक समय तक कानूनी लड़ाई लड़ी. इन वरिष्ठ नागरिकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सेवानिवृत्त डीआईजी, डीआरडीओ के एक पूर्व अधिकारी और टेलीकॉम विभाग के उप महानिदेशक शामिल हैं, जिन्होंने कई बार अदालती सुनवाई के वास्ते इलाहाबाद जाने के लिए ट्रेन का आरक्षित टिकट नहीं होने पर भी रेल में सफर किया. यही नहीं, इन्हें बिल्डर के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखने के लिए दान तक एकत्र करना पड़ा.
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यूबीएस तेवतिया (79), एस के शर्मा (74), रवि बजाज (65) और एम के जैन (59) को बिल्डर के खिलाफ होने वाली कार्रवाई का श्रेय दिया जा रहा है. टेलीकॉम विभाग से उप महानिदेशक के पद से रिटायर होने वाले शर्मा ने कहा कि जैन का पिछले साल कोविड-19 के कारण निधन हो गया था जबकि बजाज ने निजी कारणों का हवाला देते हुए खुद को समिति से अलग कर लिया था.
नोएडा में गिराए जाएंगे 40-मंजिला ट्विन टावर - सुपरटेक एमेराल्ड मामले में SC का बड़ा फैसला
शर्मा ने कहा, 'ये वो बूढ़े लोग थे जिन्होंने इस मुकदमे को लड़ा. सीआईएसएफ में डीआईजी रहे तेवतिया ने इस कानूनी लड़ाई में हमारा नेतृत्व किया. 'शर्मा ने अपने वकीलों जयंत भूषण और अनीश अग्रवाल को भी अदालत में मुकदमे की मजबूती पैरवी करने का श्रेय दिया.एमेराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए के वर्तमान अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा, '''' हमारे पास एक अच्छी न्यायिक टीम थी लेकिन ये वरिष्ठ नागरिक किसी भी प्रयास से पीछे नहीं हटे। इन्होंने बहुत बेहतर तरीके से कार्य किया.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं