विज्ञापन

आजमगढ़ के गांव में मुसलमानों के शव दफनाने की जगह नहीं, हिंदुओं ने मिलकर कर दिया बड़ा काम

हाजीपुर गांव में मुस्लिमों के पास शव दफनाने के लिए जमीन नहीं थी. उन्हें शव दफनाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता था. मुस्लिम समुदाय की इस समस्या का समाधान गांव के 5 भाइयों ने मिलकर किया.

आजमगढ़ के गांव में मुसलमानों के शव दफनाने की जगह नहीं, हिंदुओं ने मिलकर कर दिया बड़ा काम
आजमगढ़:

Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है. दरअसल, जिले के हाजीपुर गांव में मुस्लिमों के पास शव दफनाने के लिए जमीन नहीं थी. उन्हें शव दफनाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता था. मुस्लिम समुदाय की इस समस्या का समाधान गांव के 5 भाइयों ने मिलकर किया.हाजीपुर गांव के राकेश सिंह, अखिलेश सिंह, सुधाकर सिंह, दिनेश सिंह और ओंकार सिंह नाम के 5 भाइयों ने मिलकर करीब 30 लाख रुपये की जमीन मुस्लिम समुदाय को कब्रिस्तान के लिए दान कर दी.

इससे वहां के स्थानीय मुस्लिमों को काफी सहूलियत हो रही है. हाजीपुर गांव के मुस्लिम समुदाय के पास शव दफनाने के लिए कोई स्थायी स्थान नहीं था. मजबूरी में उन्हें पास के रसूलपुर गांव में अनुमति लेकर शव दफनाना पड़ता था। जब यह समस्या राकेश सिंह तक पहुंची तो उन्होंने अपने भाइयों से सलाह कर यह बड़ा कदम उठाया. 

Latest and Breaking News on NDTV

स्थानीय मुसलमानों ने कब्रिस्तान के लिए जमीन मिलने पर खुशी जताई है. हाजीपुर निवासी मुनव्वर अहमद ने कहा, 'हमारे पास दफनाने के लिए जमीन नहीं थी. हर बार रसूलपुर गांव जाना पड़ता था. राकेश सिंह ने इंसानियत दिखाते हुए हमें स्थायी समाधान दे दिया.'

Latest and Breaking News on NDTV

गौरतलब है कि राकेश सिंह और उनकी पत्नी मालती सिंह (अपना दल S) से जुड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने कहा कि यह काम राजनीति के लिए नहीं बल्कि भाईचारे के लिए किया गया है. स्थानीय लोगों ने इस हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बताते हुए कहा कि इससे दोनों समुदाय में एकता का संदेश पूरे इलाके में गया है.

आजमगढ़ से रवि प्रकाश सिंह की रिपोर्ट
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com