
- सुमेरपुर कस्बे में दो परिवारों ने शेरू नामक कुत्ते पर अपना मालिकाना हक जताते हुए पुलिस से संपर्क किया
- कुशवाहा परिवार का दावा है कि शेरू पिछले सात महीनों से उनके पास सुरक्षित है और उन्होंने उसे बचपन से पाला है
- यादव परिवार का कहना है कि शेरू कुत्ता आठ दिन पहले उनके घर से गायब हुआ था और वे उसकी चिंता में हैं
हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे में उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति बन गई, जब दो अलग-अलग परिवारों ने एक ही कुत्ते पर अपना मालिकाना हक जताते हुए थाने का दरवाजा खटखटा दिया. दोनों पक्ष शेरू नाम के इस कुत्ते को अपना बताने लगे, जिसके बाद पुलिस भी धर्मसंकट में पड़ गई.
शेरू पहुंचा पुलिस हिरासत में
यह मामला सुमेरपुर कस्बे का है, जहां कुंडौरा गांव के श्रीपत कुशवाहा और सुमेरपुर निवासी घनश्याम यादव की बेटियां एक ही कुत्ते पर अपना-अपना दावा करने लगीं. विवाद बढ़ता देख स्थानीय पुलिस ने बीच-बचाव किया और फिलहाल कुत्ते 'शेरू' को अपनी हिरासत में ले लिया है.
चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस इस बेजुबान जानवर के असली मालिक का कोई सुराग नहीं लगा पाई है, जिसके चलते 'शेरू' को बिना किसी जुर्म के थाने में रहना पड़ रहा है.
कुशवाहा परिवार का दावा: 7 महीने से हमारे पास है शेरू
कुंडौरा गांव के श्रीपत कुशवाहा की बेटी सेजल कुशवाहा का कहना है कि शेरू नाम का यह कुत्ता उनके पास पिछले सात महीनों से है. सेजल ने बताया, "हम इस कुत्ते को नारायणपुर से लाए थे और हमने इसे बचपन से पाला है. हम अपने शेरू को लेने के लिए दोबारा थाने आए हैं. 24 घंटे हो चुके हैं, लेकिन हमें अभी तक हमारा शेरू नहीं दिया गया है." सेजल का दावा है कि शेरू उन्हीं का पालतू है.

यादव परिवार का दावा: गुम होने पर 8 दिन से खाना नहीं खाया
वहीं, दूसरी ओर, सुमेरपुर निवासी चाहत यादव का दावा बिल्कुल अलग है. चाहत ने बताया कि यह उनका कुत्ता है जो पिछले शनिवार को उनके घर से लापता हो गया था. चाहत ने भावुक दावा करते हुए कहा कि शेरू के गुम होने के बाद उसने आठ दिन से ठीक से खाना तक नहीं खाया है.
ग्राम प्रधान की गवाही और पुलिस का निर्णय
दावेदारी को लेकर विवाद गहराया तो पुलिस ने गांव के ग्राम प्रधान को भी थाने बुलाया. ग्राम प्रधान ने पुलिस को बताया कि यह कुत्ता पहले सेजल कुशवाहा के घर में ही देखा गया था.
दोनों पक्षों के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस ने फिलहाल शेरू को अपने कब्जे में ही रखा है. थाना पुलिस ने दोनों परिवारों से शेरू की सही दावेदारी साबित करने के लिए प्रमाण पत्र या कोई ठोस सबूत (जैसे- फोटो, मेडिकल रिकॉर्ड आदि) देने को कहा है.
थाना पुलिस ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सभी साक्ष्यों के आधार पर ही कुत्ते को उसके असली मालिक के सुपुर्द किया जाएगा. पुलिस का यह अजीबोगरीब मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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