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लखनऊ पहुंचे त्रिपुरा की सीएम की सुरक्षा में सेंध, मिलने पहुंचा फर्जी आईआरएस गिरफ्तार

लखनऊ दौरे पर आए त्रिपुरा सीएम विभूतिखंड के एक नामचीन होटल में ठहरे थे. इसी दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा की सुरक्षा में सेंध लगाकर एक फर्जी आईआरएस अधिकारी मिलने पहुंच गया.

लखनऊ पहुंचे त्रिपुरा की सीएम की सुरक्षा में सेंध, मिलने पहुंचा फर्जी आईआरएस गिरफ्तार
पकड़ा गया फर्जी आईआरएस कई बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुका है
  • त्रिपुरा केCM डॉ. माणिक साहा की सुरक्षा में सेंध लगाकर फर्जी IRS अधिकारी प्रशांत मोहन उनसे मिलने की कोशिश की
  • लखनऊ के विभूतिखंड स्थित होटल में मुख्यमंत्री के पास पहुंचकर प्रशांत मोहन ने सुरक्षाकर्मियों को परिचय दिया था
  • मुख्यमंत्री ने फर्जी आईआरएस अधिकारी को जानने से साफ इनकार किया और पुलिस को सूचना दी गई थी
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लखनऊ:

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा की सुरक्षा में सेंध लगाकर एक फर्जी आईआरएस अधिकारी प्रशांत मोहन ने उनसे मिलने की कोशिश की. सुरक्षाधिकारी से परिचय पूछने पर मुख्यमंत्री ने जानने से इनकार किया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. लखनऊ दौरे पर आए त्रिपुरा सीएम लखनऊ के विभूतिखंड के एक नामचीन होटल में ठहरे थे. इसी दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा की सुरक्षा में सेंध लगाकर एक फर्जी आईआरएस अधिकारी मिलने पहुंच गया. उसने उनके रूम के पास पहुंचकर सुरक्षाधिकारी से कहा कि मुख्यमंत्री मेरे परिचित हैं, उन्होंने मिलने के लिए बुलाया है. 

सुरक्षाधिकारी ने मुख्यमंत्री से पूछा तो उन्होंने परिचय से इनकार किया. सूचना पर पहुंची लखनऊ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. घटना के बाद से फरार उसके ड्राइवर की पुलिस तलाश कर रही है. इंस्पेक्टर विभूतिखंड अमर सिंह के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी दिल्ली के शंकरपुर पूर्वी गुरुद्वारा के पास स्ट्रीट नंबर तीन, प्लॉट नंबर पांच का रहने वाला प्रशांत मोहन है. जो कि होटल के रूम नंबर 731 में ठहरा हुआ था.

पूछताछ में फर्जी आईआरएस प्रशांत मोहन ने बताया कि वो अपने किसी काम से इस होटल में ठहरा हुआ था. इसी दौरान उसे सूचना मिली कि त्रिपुरा के सीएम यहां रुके हुए है तो मैंने उनसे मिलने के लिए खुद को आईआरएस कमिश्नर अधिकारी बताया. कड़ाई से पूछताछ पर उसने बताया कि उसने रौब जमाने के लिए वित्त मंत्रालय का फर्जी आई कार्ड बनवाया है.

पूरे मामले की सूचना दिल्ली पुलिस को भी दी गयी ताकि फर्जी आईआरएस के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा सके. पकड़ा गया फर्जी आईआरएस कई बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुका है लेकिन एक बाद भी क्वालीफाई नहीं कर पाया. इसके बाद उसने दिल्ली में प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग का काम शुरू किया.

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