उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ की एक एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने अधिवक्ता राज नारायण सिंह की हत्या के मामले में शुक्रवार को पूर्व मंत्री अंगद यादव के बेटे आलोक यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. इससे पहले 28 अप्रैल को इसी मामले में पूर्व मंत्री अंगद यादव समेत चार अन्य आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया था.
सिधारी थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के समीप ओवर ब्रिज के नीचे 19 दिसंबर 2015 की सुबह लगभग छह बजे कोमल कॉलोनी निवासी अधिवक्ता राज नारायण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में मृतक राजनारायण सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने पूर्व मंत्री और निज़ामाबाद विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के विधायक रह चुके अंगद यादव तथा कुछ अन्य के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि अंगद यादव की पुत्री का विवाह राज नारायण सिंह ने अपने परिचित के घर में कराया था. इस विवाह में विवाद होने के बाद अंगद यादव, राज नारायण सिंह से नाराजगी रखने लगे.
इसी दुश्मनी के कारण 19 दिसंबर 2015 को राज नारायण सिंह की हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने पहले अंगद यादव, शैलेश यादव, सुनील सिंह तथा अरुण यादव के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया. बाद में अंगद यादव के पुत्र आलोक यादव के विरुद्ध भी आरोप पत्र अदालत में दायर किया गया था.
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने कुल 14 गवाहों को न्यायालय में पेश किया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने एमपी एमएलए स्पेशल अदालत के जज ओम प्रकाश वर्मा ने आरोपी आलोक यादव को आजीवन कारावास तथा बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.
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