
सहारनपुर में जिला प्रशासन ने एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए शहर को हैरान कर दिया है. यह कार्रवाई किसी बाहुबली माफिया या भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ नहीं, बल्कि एक ऐसे किन्नर के खिलाफ हुई है, जिसने नाम बदलकर लोगों को लूटा और 2 करोड़ 74 लाख रुपये की अकूत अवैध संपत्ति खड़ी कर ली. खुलासे के केंद्र में है शाहिद उर्फ़ पूजा किन्नर. प्रशासन की जांच में सामने आया कि शाहिद ने न सिर्फ अपना नाम 'पूजा' रखा, बल्कि किन्नरों का एक शातिर गिरोह खड़ा किया. इस गिरोह का काम था - शादी और नवजात बच्चे के नाम पर शहरवासियों से जबरन वसूली करना.
स्थानीय लोगों की मानें तो यह गिरोह "बधाई" के नाम पर सीधे ₹21,000 से ₹51,000 तक की मोटी रकम मांगता था. जो लोग इतनी बड़ी रकम देने से इनकार करते थे, उन्हें धमकाया जाता था. सबसे खौफनाक था उनका "बद्दुआ" देने का डर दिखाना और कई मामलों में तो नवजात बच्चे को उठाकर ले जाने की धमकी भी देना. कई लोगों का यह भी कहना है कि मुस्लिम समुदाय के शाहिद ने सोची-समझी साजिश के तहत 'पूजा' नाम अपनाया, ताकि वह आसानी से हिंदू परिवारों को निशाना बना सके और अपनी अवैध वसूली का धंधा बेरोकटोक चला सके.

9 प्लॉट, 2 स्कूटर... $2.74 करोड़ की संपत्ति कुर्क
मामले की गंभीरता को देखते हुए शाहिद उर्फ़ पूजा किन्नर के खिलाफ थाना कुतुबशेर में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. जब पुलिस और प्रशासन ने उसकी संपत्ति की जांच की, तो वे दंग रह गए. बिना किसी वैध व्यवसाय के, इस किन्नर के पास ₹2.74 करोड़ की संपत्ति मिली.

बुधवार को शुरू हुई बड़ी कार्रवाई:
9 प्लॉट
1 मकान
2 स्कूटर
कुल मिलाकर ₹2.74 करोड़ की यह अवैध संपत्ति जिला प्रशासन ने ढोल-नगाड़ों और मुनादी (सार्वजनिक घोषणा) के बीच जब्त कर ली. यह नजारा शहर भर में चर्चा का विषय बन गया. तहसीलदार जसविंदर सिंह और एसपी सिटी व्योम बिंदल खुद मौके पर मौजूद रहे और जब्ती का बोर्ड लगाया गया. एसपी सिटी व्योम बिंदल ने सख्त लहजे में कहा, "हम जनता को स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि अपराध करने वाले को जेल और सज़ा भुगतनी पड़ेगी. यह कार्रवाई उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं." इस कार्रवाई ने सहारनपुर में अवैध वसूली और धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों को एक कड़ा संदेश दिया है.
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