उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ के महामैनेजमेंट और ग्लोबल ब्रैंडिंग को लेकर एनडीटीवी ने 'महाकुम्भ संवाद' आयोजित किया. इस कार्यक्रम में शामिल हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है. पंथ, संप्रदाय, जाति अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन धर्म एक है. वो सनातन धर्म है. आरएसएस चीफ मोहन भागवत के, 'सभी मस्जिदों के नीचे मंदिर नहीं खोजे जाने चाहिए' के बयान पर योगी ने कहा कि उन्होंने सही कहा है, सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी को भी इस तरह का पीआईएल नहीं करना चाहिए.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अदालतों में इस तरह की याचिका डालने का ये तरीका सही नहीं है. उन मुद्दों को उठाना चाहिए जिसमें वास्तविकता है.
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— NDTV India (@ndtvindia) January 26, 2025
उन्होंने कहा कि जहां तक संभल की बात है वो एक सच्चाई है. संभल श्री हरि विष्णु के दसवें अवतार की भूमि है, पुराणों में भी इस बात का उल्लेख है.
वहीं सनातन बोर्ड की मांग के सवाल पर सीएम ने कहा कि जब भी हम सनातन धर्म की तुलना किसी मत या मजहब से करते हैं, तो हम सनातन धर्म का अवमूल्यन करते हैं. सनातन धर्म के अंदर सैकड़ों पंथ और संप्रदाय हैं. इन सबकी अपनी उपासना विधि है. आप इसमें से किसको नियंत्रित करेंगे, ये सबसे बड़ी अज्ञानता है.
योगी ने कहा कि सनातन बोर्ड की मांग कर आप अपने आस्था के केंद्र बिंदु पर सरकार को हस्तक्षेप करने का एक रास्ता दे रहे हैं. धार्मिक आस्था पर सरकार को हस्तक्षेप करने का अवसर भूल से भी नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि आस्था के मुद्दे धर्मगुरुओं को तय करने देना चाहिए. इसमें राजनीति हस्तक्षेप कतई नहीं होने देना चाहिए. अगर आप इसकी अनुमति देंगे, तब अव्यवस्था और अराजकता फैलेगी.
सीएम ने कहा कि जो लोग इस तरह के मुद्दों को नादानी में उठा रहे हैं, उनको वास्तविकता की समझ नहीं है. वो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह बयान दे रहे हैं. मुझे लगता है कि उनको सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों को लेकर अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए.
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