संभल में हुई हिंसा एक राजनैतिक साज़िश थी. समाजवादी पार्टी के नेताओं ने लोगों को भड़काया. जामा मस्जिद का सर्वे ख़त्म होने के बाद भीड़ ने पुलिस फ़ोर्स पर हमला कर दिया. कुछ लोग हथियार के साथ आए थे. सबसे पहले डीएसपी रैंक के पुलिस अफ़सर अनुज चौधरी को गोली मारी गई. मस्जिद के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू हो गया. भीड़ से आवाज़ आई सर्वे नहीं होने देंगे. ड्यूटी पर तैनात दारोग से पिस्टल छीनने की कोशिश की गई. इसकी स्क्रिप्ट समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने लिखी थी.
संभल में हिंसा, आगज़नी और फ़ायरिंग 24 नवंबर को हुआ. लेकिन इस पर होम वर्क तो 22 नवंबर को ही हो गया था. शुक्रवार मतलब जुम्मे का दिन था. दोपहर की नमाज़ जामा मस्जिद में अता की गई. संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क भी अपने समर्थकों संग पहुंचे थे. जुम्मे के दिन ही उन्होंने सर्वे का विरोध और मस्जिद बचाने के लिए तैयार रहने को कहा था. ये दावा सँभल पुलिस का है.
पुलिस की तरफ़ से संभल कोतवाली थाने में सब इंस्पेक्टर दीपक राठी ने जिया के खिलाफ केस दर्ज किया है. मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह कहते हैं कि सांसद की नीयत शुरू से ठीक नहीं थी. जब पहली बार सर्वे के लिए टीम 19 नवंबर को मस्जिद पहुँची तब भी वे समर्थकों संग आए थे. जबकि सर्वे वाले केस से उनका कोई लेना देना नहीं है.
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क की गिरफ़्तारी हो सकती है. इससे पहले संभल जिला प्रशासन सभी क़ानूनी प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहता है. संसद की सत्र अभी चल रहा है. सूत्र बताते हैं कि संभले के सांसद के पिता ममलूक रहमान बर्क भी भीड़ को उकसाने में शामिल थे.
यूपी पुलिस के एक सीनियर IPS अफ़सर ने बताया कि उनके खिलाफ भी केस हो सकता है. ऐसी स्थिति में उनकी भी गिरफ़्तारी होने की संभावना है. अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के नेताओं की एक कमेटी बनाई है. जो सँभल जाकर मामले की जाँच करेगी. इस कमेटी में स्थानीय सांसद जिया उर रहमान भी शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री इक़बाल महमूद के बेटे सोहेल इक़बाल पर भी केस हो गया है. उन पर आरोप हैं कि उन्होंने पुलिस फ़ोर्स पर जानलेवा हमला किया. उन्होंने सांसद के साथ मिल कर लोगों को उकसाने का काम किया. घटना के बाद से ही सोहेल फरार हैं. सँभल पुलिस के पास ऐसे कई CCTV फ़ुटेज हैं जिसमें भीड़ में शामिल लोग कैमरे तोड़ते नज़र आ रहे हैं. सँभल के कमिश्नर आंजनेय सिंह कहते हैं कि सबूत मिटाने के लिए सीटीटीवी कैमरे तोड़े गएं. इन वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ़्तारी किया जाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं