- हापुड़ में कार्तिक मेले में स्वामी यशवीर महाराज को पुलिस ने मेले में प्रवेश करने से रोक दिया गया था
- यशवीर महाराज अपने समर्थकों के साथ गैर-हिंदू दुकानदारों की पहचान कर उनकी दुकानें हटवाना चाहते थे
- महाराज ने पहले ही कहा था कि मेले में केवल हिंदू धर्म से जुड़े लोगों को दुकान लगाने की अनुमति दी जाए
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में चल रहे गढ़मुक्तेश्वर कार्तिक मेले में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया, जब हिंदू धर्मगुरु स्वामी यशवीर महाराज को पुलिस ने मेले में प्रवेश करने से रोक दिया गया. दरअसल यशवीर महाराज अपने समर्थकों के साथ मेले में गैर-हिंदू दुकानदारों की पहचान कर उनकी दुकानें हटवाने जा रहे थे. उन्होंने पहले ही दावा किया था कि मेले में केवल हिंदू धर्म से जुड़े लोगों को ही दुकान लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए. ऐसे में पुलिस पूरी तरह से चौकस थी.

पुलिस की चेकिंग के दौरान जब यशवीर महाराज को रोका गया तो उन्होंने नाराज होकर चौराहे पर धरना दे दिया. महाराज ने पहले ही घोषणा की थी कि यदि मेले में थूक, मूत्र या 'जेहादी गैंग' से संबंधित कोई दुकान मिली, तो उसे हटाया जाएगा. स्वामी यशवीर महाराज ने कहा कि विशेष समुदाय के लोगों की दुकानें किसी भी हालत में नहीं लगने दी जाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि मेले में दुकानदारों की पहचान करने के लिए वह आज पहुंचने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया.

स्वामी यशवीर महाराज वही शख्स हैं जिन्होंने मुजफ्फरनगर में ढाबों और दुकानों पर नेम प्लेट चेक करने की शुरुआत की थी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर दुकानदारों और कर्मचारियों के धर्म की जांच का अभियान वे पहले भी चला चुके हैं.
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