अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
- अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह का बर्थडे पार्टी कार्यालय में मनाया.
- मुलायम सिंह ने बेटे अखिलेश को आशीर्वाद देने का ऐलान किया.
- इस जश्न में शिवपाल सिंह को नहीं बुलाया गया था.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
लखनऊ:
मुलायम सिंह यादव के 79वें जन्मदिन के जश्न के मौके पर मुलायम और अखिलेश यादव साथ आए, लेकिन शिवपाल नाराज होकर इटावा चले गये क्योंकि इस जश्न में उन्हें बुलाया नहीं गया. मुलायम के जन्मदिन के जश्न का इंतजाम अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के दफ्तर में किया था. मुलायम ने अखिलेश को केक खिलाया और उसके बाद अखिलेश ने पिता मुलायम के पैर छू कर आशीर्वाद लिया.
इस मौके पर इटावा में यादव परिवार की गुटबाजी ज्यादा नजर आई, जहां अखिलेश और शिवपाल समर्थकों ने दो अलग-अलग जगहों पर सालगिरह का जश्न मनाया. समाजवादी पार्टी दफ्तर में मंच पर अखिलेश यादव अपनी टीम के साथ मौजूद थे. सबने मुलायम को गुलदस्ते दिये, लेकिन अखिलेश ने उन्होंने पश्मीना की शॉल ओढ़ाई और पैर छू कर आशीर्वाद लिया. मुलायम ने अखिलेश को आशीर्वाद देने का ऐलान भी किया.
यह भी पढ़ें - अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता : मुलायम सिंह यादव
मुलायम ने मंच से कहा कि 'अखिलेश को आशीर्वाद देते हैं और देते रहेंगे. इस शॉल को लेकर के देश भर में चर्चा है कि आपने अखिलेश को आशीर्वाद दिया. मैंने कहा कि लड़का भी है और राजनीति भी करता है... तो लड़का पहले है और नेता बाद में.'
मंच पर बाप-बेटे की मोहब्बत छलकती रही. अखिलेश ने मुलायम का हाथ पकड़कर केक कटवाया. अखिलेश चाहते थे कि मुलायम केक पहले खाएं, लेकिन मुलायम ने जिद कर केक बेटे के मुंह में डाल दिया. अखिलेश की दावत पर मशहूर शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्र बनारस से आए, जिन्होंने कृष्ण जी के जन्म के गीत सुनाए.
यह भी पढ़ें - अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव लंबे समय बाद एक साथ नजर आए
मुलायम के छोटे भाई शिवपाल यादव सारी जिंदगी हर सियासी उतार-चढ़ाव में मुलायम के साथ रहे हैं. वो कुद मुलायम का हनुमान बताते रहे हैं, लेकिन इस फैमिली ड्रामे में वो अकेले दिखे. नेताजी कहलाने वाले मुलायम बाप के रोल में दिखे और चाचा अखिलेश के सियासी परिवार से बाहर नजर आए.
VIDEO: ऐलान के बाद भी मुलायम सिंह यादव ने नहीं बनाई नई पार्टी
इस मौके पर इटावा में यादव परिवार की गुटबाजी ज्यादा नजर आई, जहां अखिलेश और शिवपाल समर्थकों ने दो अलग-अलग जगहों पर सालगिरह का जश्न मनाया. समाजवादी पार्टी दफ्तर में मंच पर अखिलेश यादव अपनी टीम के साथ मौजूद थे. सबने मुलायम को गुलदस्ते दिये, लेकिन अखिलेश ने उन्होंने पश्मीना की शॉल ओढ़ाई और पैर छू कर आशीर्वाद लिया. मुलायम ने अखिलेश को आशीर्वाद देने का ऐलान भी किया.
यह भी पढ़ें - अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता : मुलायम सिंह यादव
मुलायम ने मंच से कहा कि 'अखिलेश को आशीर्वाद देते हैं और देते रहेंगे. इस शॉल को लेकर के देश भर में चर्चा है कि आपने अखिलेश को आशीर्वाद दिया. मैंने कहा कि लड़का भी है और राजनीति भी करता है... तो लड़का पहले है और नेता बाद में.'
मंच पर बाप-बेटे की मोहब्बत छलकती रही. अखिलेश ने मुलायम का हाथ पकड़कर केक कटवाया. अखिलेश चाहते थे कि मुलायम केक पहले खाएं, लेकिन मुलायम ने जिद कर केक बेटे के मुंह में डाल दिया. अखिलेश की दावत पर मशहूर शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्र बनारस से आए, जिन्होंने कृष्ण जी के जन्म के गीत सुनाए.
यह भी पढ़ें - अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव लंबे समय बाद एक साथ नजर आए
मुलायम के छोटे भाई शिवपाल यादव सारी जिंदगी हर सियासी उतार-चढ़ाव में मुलायम के साथ रहे हैं. वो कुद मुलायम का हनुमान बताते रहे हैं, लेकिन इस फैमिली ड्रामे में वो अकेले दिखे. नेताजी कहलाने वाले मुलायम बाप के रोल में दिखे और चाचा अखिलेश के सियासी परिवार से बाहर नजर आए.
VIDEO: ऐलान के बाद भी मुलायम सिंह यादव ने नहीं बनाई नई पार्टी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं