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वाराणसी: मॉडल के काल भैरव मंदिर के गर्भगृह में केक काटने पर भड़का संत समाज, भेजेगा नोटिस

काल भैरव मंदिर से महिला सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में महिला को मंदिर के अंदर केक काटते हुए देखा जा सकता है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. (पीयूष अचार्य की रिपोर्ट)

वाराणसी: मॉडल के काल भैरव मंदिर के गर्भगृह में केक काटने पर भड़का संत समाज, भेजेगा नोटिस
वाराणसी:

वाराणसी के काल भैरव मंदिर के अंदर से एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का केक काटने का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला केक काट रही है. वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. वहीं, काशी विद्वत परिषद ने भी इस वीडियो पर अपना एतराज जताया है. केक काटने के दौरान काल भैरव मंदिर में मौजूद महंत को विद्वत परिषद नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है.

काशी विद्वत परिषद ने मॉडल के खिलाफ लीगल नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है. हालांकि अब काल भैरव मंदिर प्रबंधन ने साफ़ कर दिया है कि अब गर्भ गृह में कोई भी शख्स केक नहीं काट सकता है.

बाबा कालभैरव मंदिर के गर्भगृह में केक काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पर जनता ने आपत्ति जताई है और काशी विद्वत परिषद ने भी इसे मंदिर की मर्यादा भंग करने वाला कृत्य बताया है. वहीं, मंदिर के महंत का कहना है कि उनको धोखे में रखकर यह काम किया गया है.

सोशल मीडिया पर एक महिला का 39 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ. इसमें महिला काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के मंदिर पहुंचती है. मंदिर में पूजन और पुजारी का आशीर्वाद लेने के बाद महिला ने गर्भगृह में ही केक काटती है और उसे बाबा कालभैरव को अर्पित कर दिया. 39 सेंकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद काशी की जनता के साथ ही कई लोगों ने पोस्ट पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी.

काशी विद्वत परिषद के महामंत्री डॉ. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि केक काटना शास्त्रीय विधान नहीं है. गर्भगृह में पूजन-अर्चन करना चाहिए. देवस्थान पर देव निमित्त कार्य होने चाहिए. मंदिर प्रबंधन को मंदिरों की मर्यादा का ख्याल रखना होगा और हम ऐसा करने वाले मॉडल के खिलाफ नोटिस भेजेंगे.

श्रद्धालु और साधू संतो ने काशी कोतवाल काल भैरव मंदिर में तस्वीर और फोटो लेने पर पूरी तरह प्रतिबंधित करने की भी मांग रहेगी. सोशल मीडिया के जमाने में लोग अपने फॉलोअर और लोकप्रियता को बढ़ाने के उद्देश्य से सामाजिक और धार्मिक स्थलों की भी मर्यादाओं को तोड़ते नजर आ रहे हैं. मंदिर परिसर के बाद अब लोग सीधा पवित्र गर्भगृह में प्रवेश करके उसकी तस्वीर और वीडियो को वायरल कर रहे हैं.निश्चित ही ऐसे लोगों पर न सिर्फ मंदिर प्रशासन, धार्मिक संगठनों को बल्कि दर्शन पूजन के दौरान मौजूद रहे श्रद्धालुओं को भी आपत्ति जतानी चाहिए जिससे सनातन संस्कृति की मर्यादा ना टूटे.

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