
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हत्या के मामले में सजा काट रहे एक व्यक्ति को इसलिए रिहा कर दिया गया क्योंकि जिस व्यक्ति की हत्या का उसपर आरोप था वह बिहार में जिंदा पाया गया. पुलिस ने बताया कि ट्रेन में मोबाइल चोरी को लेकर हुए विवाद में अयोध्या निवासी नरेन्द्र दुबे पर एताब नाम के व्यक्ति की हत्या का आरोप था, जिसके लिए उसे तीन वर्ष जेल की सजा सुनाई गयी थी लेकिन जिस व्यक्ति की हत्या का आरोप उसपर था, वह जीवित निकला.
पुलिस के मुताबिक, बिहार में एताब की ससुराल पक्ष के कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया, जिसे न्यायालय में पेश किया गया और उसके बाद अपर जिला न्यायाधीष ने दुबे को दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया.
शाहजहांपुर के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि जिस व्यक्ति की हत्या का आरोप है, वह अभी जिंदा है. उन्होंने बताया कि शव की शिनाख्त उसके पिता व अन्य रिश्तेदारों ने की थी और ऐसी स्थिति में अभियोजन का कोई दोष नहीं है.
अधिकारी ने बताया कि जांच अधिकारी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि शव की शिनाख्त एताब के परिजन ने की थी. शाहजहांपुर के अपर जिला न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को वर्मा की दलीलों व साक्ष्य से सहमत होते हुए नरेन्द्र को दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने के आदेश दिए.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, राजकीय रेलवे पुलिस के बरेली थाने में 16 दिसंबर 2022 की रात तैनात सत्यवीर सिंह को जानकारी मिली कि दिल्ली-अयोध्या एक्सप्रेस के सामान्य डिब्बे ‘डी टू' में दो लोगों के बीच मारपीट हुई है, जिसमें एक व्यक्ति ने दूसरे को तिलहर (शाहजहांपुर) स्टेशन के पास किसी स्थान पर चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया है.
अभियोजन पक्ष ने बताया कि अयोध्या की पहाड़गंज कालोनी निवासी आलोक ने फोन से इसकी सूचना देते हुए घटना का वीडियो भी भेजा था.
पुलिस के मुताबिक, रात करीब एक बजे ट्रेन बरेली जंक्शन पर पहुंची, जहां सत्यवीर सिंह ने नरेन्द्र दुबे को पकड़ लिया. अभियोजन पक्ष ने बताया कि तिलहर पुलिस ने रेलवे ट्रैक के पास से शव भी बरामद कर लिया था.
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