
- समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी करीब 3 साल जेल में बिताने के बाद महाराजगंज जिला जेल से रिहा हुए.
- जेल से रिहाई के बाद उनके समर्थकों ने कानपुर में जोरदार स्वागत किया और उन्होंने परिवार से मिलने की खुशी जताई.
- सोलंकी ने कहा कि उनके खिलाफ मामले झूठे हैं और वे न्यायपालिका पर पूर्ण भरोसा रखते हैं.
करीब तीन साल जेल में बिताने के बाद रिहा हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने कहा है कि जिंदगी पटरी पर लौट आई है. जेल में बिताए गए एकांतवास को याद करते हुए उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, 'मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करती थीं.' हिरासत में 34 महीने रहने के बाद मंगलवार को महाराजगंज जिला जेल से रिहा हुए सोलंकी बुधवार तड़के जब अपने कानपुर आवास पहुंचे तो हीरो की तरह उनका स्वागत किया गया.
समर्थकों का शुक्रिया
सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक उनका स्वागत करने के लिए इकट्ठा हुए और 'जेल के ताले टूट गए, इरफान सोलंकी छूट गए', 'देखो देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया' जैसे नारों के साथ पटाखे फोड़े और फूल बरसाए. सोलंकी ने पत्रकारों से बातचीत में 1,000 से अधिक दिनों तक जेल में रहने के बाद अपने परिवार से फिर से मिलने पर खुशी जताई. उन्होंने हाल के उप चुनावों में सीसामऊ विधानसभा सीट पर पत्नी नसीम सोलंकी की जीत के लिए अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया.
'अल्लाह इम्तिहान लेते हैं'
उन्होंने कहा कि यह उनका संघर्ष और उनका विश्वास ही था जिसने उनकी पत्नी को विधायक बनाया. सोलंकी ने कहा, 'अल्लाह ने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा. वह इम्तिहान लेते हैं, लेकिन जीत भी देते हैं.' पूर्व विधायक ने दोहराया कि उनके खिलाफ मामले पूरी तरह झूठे हैं और उन्हें कानूनी प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. सोलंकी ने कहा, 'जैसे मैं इस मामले से बाहर आया हूं. उसी तरह ईडी के मामले में भी दोषमुक्त हो जाऊंगा. न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसा है.'
3 बजे से घर के बाहर थे लोग
तड़के तीन बजे आगमन के बावजूद बड़ी संख्या में लोग उनके घर के बाहर खड़े थे. इस पर उन्होंने कहा, 'इस तरह का प्यार आसानी से नहीं मिलता. यह कमाने के लिए व्यक्ति ने जीवन में जरूर कुछ किया होगा.' उन्होंने कानपुर के मतदाताओं की मिली जुली संस्कृति को लेकर 'सरकारी दबाव' के बावजूद दृढ़ता से खड़े रहने के लिए उनकी सराहना की. सोलंकी ने कहा, 'हिंदू और मुस्लिमों ने इसे अपने चुनाव के तौर पर देखा. लोगों ने यह मानकर मतदान किया जैसे वह खुद चुनाव लड़ रहे हों. यही वजह है कि वह सीट मेरे परिवार के पास बनी रही.'
अखिलेश ने की बात
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात की थी जो इस समय विदेश में हैं. सोलंकी ने कहा, 'जब वह वापस लौटेंगे, मैं उनसे मिलूंगा.' उन्होंने कहा कि सपा नेता डिंपल यादव, शिवपाल यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनकी पत्नी के लिए सक्रियता के साथ चुनाव प्रचार किया. उन्होंने कहा, 'समय बलवान होता है। मेरा समय बदलना शुरू हो गया है. आज उमर अंसारी जेल से बाहर हैं और इसी तरह मैं भी बाहर हूं. इस बार दशहरा और दिवाली हम घर पर मनाएंगे.
एक और वरिष्ठ सपा नेता आजम खान करीब दो साल जेल में रहने के बाद हाल में सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं. गौरतलब है कि 25 सितंबर को हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में सोलंकी को जमानत दी. कानपुर में सीसामऊ से पूर्व विधायक कुल 10 मामलों में आरोपी हैं. सोलंकी दो दिसंबर, 2022 से जेल में थे.
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