योगी सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उठे सवाल
                                                                                                                        - बुलंदशहर में इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या
 - लखनऊ में एप्पल के मैनेजर की गोली मारकर की गई थी हत्या
 - कासगंज में दो समुदाय के बीच हुआ था विवाद
 
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                                        उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों से ही कानून व्यवस्था को लेकर चर्चाओं में बनी हुई है. आलम यह है कि अब यूपी में पुलिस (UP Police) वाले भी सुरक्षित नहीं है. बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) में हुई इंस्पेक्टर की हत्या इसका ताजा उदाहरण है. बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सत्ता में आने से पहले समाजवादी पार्टी की सरकार के समय की लचर कानून व्यवस्था (UP Law and Order Situation)  को ही एक बड़ा मुद्दा बनाया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो यूपी में रहने वाला हर सख्स खुदको सुरक्षित महसूस करेगा. लेकिन सत्ता में आने के बाद कानून-व्यवस्था (UP Law and Order Situation)  की स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है. ऐसे में अब आए दिन यूपी में हो रही घटनाओं से योगी सरकार (CM Yogi Adityanath) पर सवाल खड़े होने लगे हैं. आइये जानतें है पांच उन बड़ी घटनाओं के बारे में जिसने योगी सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है...
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1.कासगंज में 26 जनवरी के दिन हुआ विवाद
उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन दो गुटों के बीच जमकर बवाल हुआ था. इस हिंसा में एक शख्स की मौत भी हो गई थी. जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे. हंगामे को बढ़ता देख बाद में इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाकी कर दी गई थी. पुलिस के अलावा आरएएफ की टुकड़ी को भी हालात संभालने के लिए तैनात किया गया था. बाद मे इस मामले में कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति और सद्भाव बनाए रखने और उपद्रवियों से सख़्ती से निपटने के निर्देश दिए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया था कि कासगंज नगर कोतवाली क्षेत्र के मथुरा-बरेली राजमार्ग के बिलराम गेट चौराहे पर रैली निकालते समय एक गुट के लोगों ने पथराव किया है. तकरार नारेबाजी को लेकर शुरू हुई थी.
यह भी पढ़ें: कासगंज में हिंसा पर योगी सरकार के मंत्री का बयान - ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं
2. लखनऊ में एप्पल के मैनेजर की गोली मारकर हत्या
लखनऊ में कुछ महीने पहले एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या ने भी योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए. बता दें कि विवेक की हत्या पुलिस कांस्टेबल ने की थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस ने विवेक को गोली इसलिए मारी क्योंकि चेकिंग के दौरान उसने अपनी SUV कार रोकने से पर इनकार कर दिया था. घटना गोमती नगर एक्सटेंशन इलाके की थी. पुलिस ने इस मामले में कहा था कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था. गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा लेकिन उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी और मौके से भागने की कोशिश की. इसी क्रम में पुलिस के कांस्टेबल ने उसपर गोली चलाई. ध्यान हो कि विवेक तिवारी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यह एनकाउंटर नहीं था. इस घटना की जांच की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: विवेक तिवारी हत्याकांड: 3 दिन बाद रिक्रिएट किया गया क्राइम सीन, सना ने बताया क्या हुआ था उस रात
3. फर्जी एनकाउंटर पर भी उठे सवाल
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ समय से चल रहे अपराधियों और पुलिस के बीच हो रहे एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार विवादों में रही है. पुलिस पर बदमाशों का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगा है. योगी सरकार को ऐसे एनकाउंटर को लेकर विपक्षी पार्टियों का भी हमला झेलना पड़ रहा है. विपक्ष ने योगी सरकार पर अपने फायदे के लिए ऐसे एनकाउंटर कराने का आरोप लगाया है. कुछ दिन पहले ही अलीगढ़ में हुए दो एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर आरोप लगा था कि उसने मीडिया को बुलाकर उसकी शूटिंग करवाई. इस एनकाउंटर में मारे गए नौशाद की मां ने इस पूरे एनकाउंटर को ही फर्जी बता दिया था. उन्होंने इल्जाम लगया था कि पुलिस उनके लड़के को उठाकर ले गई थी. हालांकि पुलिस ऐसे सभी इल्जामों से इनकार करती रही. मीडिया के कैमरों के सामने वे गोलियां चला-चलाकर तस्वीरें खिंचवाते रहे. उनके एक-एक शॉट कैमरों में कैद होते रहे थे. उन्होंने दो लड़कों को मार गिराया जिनपर पिछले महीने अलीगढ़ में हुई 6 हत्याओं में शामिल होने का इल्जाम है. अब मरने वाले नौशाद की मां कहती हैं कि उसके बेटे को पुलिस रविवार को ही उठाकर ले गई थी.
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4. लखनऊ में बीजेपी नेता की गई हत्या
मामला चार दिसंबर का है जब कुछ अज्ञात लोगों ने लखनऊ के बादशाह नगर में भाजपा नेता प्रत्यूष त्रिपाठी की चाकू गोदकर हत्या कर दी थी. भाजपा नेता की हत्या करने के बाद आरोपी उन्हें बीच सड़क पर ही फेंकर कर फरार हो गए थे. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल नेता को ट्रामा सेंटर पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अपने नेता की मौत की मिलते ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता ट्रामा पहुंच गए और हंगामा करने लगे. मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई और काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया गया.
यह भी पढ़ें: यह भी पढ़ें: इंस्पेक्टर के बेटे ने कहा- हिंदू-मुस्लिम के झगड़े में आज मेरे पिता गए, कल किसके पिता?'
VIDEO: एसआईटी कर रही है बुलंदशहर मामले की जांच.
5. बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या
बुलंदशहर से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे. सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी. इसी दौरान किसी ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह पर गोली मार दी. जिसमें उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
                                                                        
                                    
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1.कासगंज में 26 जनवरी के दिन हुआ विवाद
उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन दो गुटों के बीच जमकर बवाल हुआ था. इस हिंसा में एक शख्स की मौत भी हो गई थी. जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे. हंगामे को बढ़ता देख बाद में इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाकी कर दी गई थी. पुलिस के अलावा आरएएफ की टुकड़ी को भी हालात संभालने के लिए तैनात किया गया था. बाद मे इस मामले में कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति और सद्भाव बनाए रखने और उपद्रवियों से सख़्ती से निपटने के निर्देश दिए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया था कि कासगंज नगर कोतवाली क्षेत्र के मथुरा-बरेली राजमार्ग के बिलराम गेट चौराहे पर रैली निकालते समय एक गुट के लोगों ने पथराव किया है. तकरार नारेबाजी को लेकर शुरू हुई थी.
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2. लखनऊ में एप्पल के मैनेजर की गोली मारकर हत्या
लखनऊ में कुछ महीने पहले एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या ने भी योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए. बता दें कि विवेक की हत्या पुलिस कांस्टेबल ने की थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस ने विवेक को गोली इसलिए मारी क्योंकि चेकिंग के दौरान उसने अपनी SUV कार रोकने से पर इनकार कर दिया था. घटना गोमती नगर एक्सटेंशन इलाके की थी. पुलिस ने इस मामले में कहा था कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था. गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा लेकिन उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी और मौके से भागने की कोशिश की. इसी क्रम में पुलिस के कांस्टेबल ने उसपर गोली चलाई. ध्यान हो कि विवेक तिवारी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यह एनकाउंटर नहीं था. इस घटना की जांच की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे.
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3. फर्जी एनकाउंटर पर भी उठे सवाल
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ समय से चल रहे अपराधियों और पुलिस के बीच हो रहे एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार विवादों में रही है. पुलिस पर बदमाशों का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगा है. योगी सरकार को ऐसे एनकाउंटर को लेकर विपक्षी पार्टियों का भी हमला झेलना पड़ रहा है. विपक्ष ने योगी सरकार पर अपने फायदे के लिए ऐसे एनकाउंटर कराने का आरोप लगाया है. कुछ दिन पहले ही अलीगढ़ में हुए दो एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर आरोप लगा था कि उसने मीडिया को बुलाकर उसकी शूटिंग करवाई. इस एनकाउंटर में मारे गए नौशाद की मां ने इस पूरे एनकाउंटर को ही फर्जी बता दिया था. उन्होंने इल्जाम लगया था कि पुलिस उनके लड़के को उठाकर ले गई थी. हालांकि पुलिस ऐसे सभी इल्जामों से इनकार करती रही. मीडिया के कैमरों के सामने वे गोलियां चला-चलाकर तस्वीरें खिंचवाते रहे. उनके एक-एक शॉट कैमरों में कैद होते रहे थे. उन्होंने दो लड़कों को मार गिराया जिनपर पिछले महीने अलीगढ़ में हुई 6 हत्याओं में शामिल होने का इल्जाम है. अब मरने वाले नौशाद की मां कहती हैं कि उसके बेटे को पुलिस रविवार को ही उठाकर ले गई थी.
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4. लखनऊ में बीजेपी नेता की गई हत्या
मामला चार दिसंबर का है जब कुछ अज्ञात लोगों ने लखनऊ के बादशाह नगर में भाजपा नेता प्रत्यूष त्रिपाठी की चाकू गोदकर हत्या कर दी थी. भाजपा नेता की हत्या करने के बाद आरोपी उन्हें बीच सड़क पर ही फेंकर कर फरार हो गए थे. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल नेता को ट्रामा सेंटर पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अपने नेता की मौत की मिलते ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता ट्रामा पहुंच गए और हंगामा करने लगे. मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई और काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया गया.
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VIDEO: एसआईटी कर रही है बुलंदशहर मामले की जांच.
5. बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या
बुलंदशहर से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे. सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी. इसी दौरान किसी ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह पर गोली मार दी. जिसमें उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
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