
- गंगा का जल स्तर पिछले एक महीने से खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में समस्याएं
- अमृतपुर तहसील के भुड़िया भेड़ा गांव का संपर्क मार्ग तेज बाढ़ के कारण लगभग पचपन मीटर कट गया है
- प्रशासन ने नावें उपलब्ध कराईं पर तेज बहाव के कारण नाव पलटने का खतरा बना रहता है, जिससे लोग असुरक्षित हैं
लगभग पिछले एक महीने से गंगाजी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है. इसकी बजह से बाढ़ क्षेत्र के लोगों की परेशानिया बढ़ गई हैं. इस बाढ़ की वजह से संपर्क मार्ग कट गए हैं, लोगों के राशन की समस्या, पशुओं के चारे की समस्या व बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी बंद है. अमृतपुर तहसील के गांव भुड़िया भेड़ा का संपर्क मार्ग बाढ़ की वजह से लगभग 55 मीटर कट गया है. शासन से लंबे समय से पुल की मांग करने वाले ग्रामीणों में बाढ़ की समस्या को देखते हुए अब खुद आगे बढ़कर लकड़ी से आने जाने को एक पुल का निर्माण किया है.
फर्रुखाबाद के तहसील अमृतपुर के भुड़िया भेड़ा गांव को जाने वाली सड़क बाढ़ के तेज बहाव की वजह से लगभग 55 मीटर सड़क कट गई. इससे लोगों को आने जाने में काफ़ी परेशानी होने लगी. जब इसकी सूचना प्रशासन को मिली तो प्रशासन ने दो नाव इस गांव में लगवा दी. लेकिन इस जगह पर जहां सड़क कटी है पानी का बहाव इतना तेज है कि नाव पलटने का खतरा बना रहता है, लोगों ने बताया कि दो बार नाव पलटते पलटते बची. इसके बाद गांव के लोगों ने अपने श्रम दान व अपना पैसा लगाकर लकड़ी का पुल बनया.

लोगों की मदद से युकेलिपटस की बल्ली डाल कर बना पुल कामयाब है. अब इस पुल से लोग निकल रहे हैं. इस पुल से एक बार में 6 से 7 लोग एक साथ निकल सकते हैं. पुल पानी के तेज बहाव में बह न जाए इसके लिए पुल निर्माण में जो बल्ली लगाई गई है उनको रस्सीयों से पेड़ व जमीन में बल्ली गाड़ कर बांध दिया है. साथ ही पोली थिन की बोरी में ईंट भर कर पुल के सिरों को तेज बहाब से रोकने को डाला गया है.

इस पुल से लगभग 15 गांव के लोग निकल रहे हैं. पुल से निकलने वालों ने बताया कि पुल से निकलने में कोई डर नहीं लग रहा. इस पुल से महिलाएं व पुरुष आसानी से निकल रहे हैं. जिलाधिकारी आशुतोष दुवेदी ने बताया कि तहसील अमृतपुर का क्षेत्र बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, भुड़िया भेड़ा गाँव में सम्पर्क मार्ग मुख्य मार्ग से जल के तीव्र वहाव में कटगया है. जिला प्रशासन ने गाँव में नाव लगा दी थीं, लेकिंन जल की धारा तीव्र होने से कई बार नाव पलटते - पलटते बची. इसके बाद स्थानीय लोगों ने अपने अनुभव से स्थिति को समझा और लकड़ी व ईंट पत्थर लगाकर एक अस्थाई मार्ग बना लिया है.
BDO, DPO व मनरेगा को बताया गया है ग्राम सभा के फंड से ये कार्य सपोटिड रहेगा. गांव के लोगों को प्रोत्साहित किया जाए. फ़िलहाल प्रशासन कब तक स्थाई समाधान निकालेगा, ये तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उम्मीद है जल्द ग्रामीणों की दिक्कतों पर संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई ज़रूर होगी. (शिव कुमार अवस्थी)
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