
- इटावा के राजकीय चिकित्सालय में इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर को पुलिस ने जबरन उठाया
- डॉक्टर ने सिविल लाइन थाना पुलिस पर अभद्रता और अपहरण का आरोप लगाया
- घटना के विरोध में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने डेढ़ से दो घंटे तक ओपीडी सेवाएं बंद की
यूपी के इटावा के डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल बाबू को पुलिसकर्मी इलाज के नाम पर अस्पताल से जबरन उठाकर ले गए. पीड़ित डॉक्टर ने सिविल लाइन थाना पुलिस पर अभद्रता और अपहरण का आरोप लगाया है. इस घटना के विरोध में जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने शुक्रवार को डेढ़ से दो घंटे तक ओपीडी सेवाएं बंद रखीं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं.
डॉक्टर्स ने की कार्रवाई की मांग
डॉक्टरों ने इस कार्रवाई को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. डॉ. राहुल बाबू ने बताया कि रात करीब 12 बजे तीन पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे, जिनमें सिविल लाइन प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि एसएसपी की माता की तबीयत खराब है और डॉक्टर को तुरंत चलना होगा. जब डॉक्टर ने फार्मासिस्ट की व्यवस्था करने की बात कही तो पुलिसकर्मी अभद्रता पर उतर आए और उन्हें जबरन अस्पताल से उठाकर ले गए.
CCTV फुटेज आया सामने
इतना ही नहीं बल्कि इस दौरान उनका मोबाइल भी छीन लिया गया. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें डॉक्टर को अस्पताल से ले जाते हुए देखा जा सकता है. डॉक्टर ने इस मामले में अपहरण की धाराओं में केस दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.के. सिंह ने कहा, "इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को इस तरह उठाकर ले जाना गंभीर अपराध है और अपहरण की श्रेणी में आता है. मैंने डॉक्टर्स को आश्वासन दिया है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी जाएगी और जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण भी ली जाएगी."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं