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लोगों को भड़काना सामाजिक अपराध...कथावचक मामले में अखिलेश को डिप्टी CM का जवाब

कथावाचकों के साथ बदसलूकी मामले में अखिलेश यादव ने सरकार को निशान पर लेते हुए कहा था कि मैं पूछना चाहता हूं कि कथावाचकों को अपमानित किया गया और चोटी काट दी गई. अगर ये बात सच है तो हम किस बात के विश्व गुरू हैं? क्या आपको लगता है कि दुनिया के लोग इसे नहीं देख रहे होंगे?

लोगों को भड़काना सामाजिक अपराध...कथावचक मामले में अखिलेश को डिप्टी CM का जवाब
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में इटावा में कथावचकों के साथ बदसलूकी का मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि अब इस पर जमकर सियासत हो रही है. अब इस मामले में यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव और उनकी पार्टी पर निशाना साधा है. यूपी डिप्टी सीएम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव और सपा नेताओं का रवैया दूध में नींबू डालने जैसा है. समाज को कथावाचक प्रकरण में जातिवादी ज़हर से बांटने की कोशिश करना और लोगों को भड़काना समाजिक अपराध है. सपा जो काम राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है वही उसे समाप्त वादी पार्टी बनायेगा.

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अखिलेश बोले- सीएम अब तक सो रहे थे क्या? 

दरअसल कथावाचकों के साथ बदसलूकी मामले में अखिलेश यादव ने सरकार को निशान पर लेते हुए कहा था कि मैं पूछना चाहता हूं कि कथावाचकों को अपमानित किया गया और चोटी काट दी गई. अगर ये बात सच है तो हम किस बात के विश्व गुरू हैं? क्या आपको लगता है कि दुनिया के लोग इसे नहीं देख रहे होंगे? दुनिया देख रही होगी कि भारत में क्या हो रहा है." अगर ट्रंप जी को पता लग जाए कि इटावा में ऐसा हुआ है, तो समझ लो क्या होगा. मैं संविधान को मानता हूं. वह कहते हैं कि हम 4 बजे जग जाते हैं, लेकिन इटावा के अंदर रातभर कथावाचक अपमानित होते रहें. मैं सरकार से सवाल करता हूं कि इस तरह की घटना क्यों हो रही है? इससे पहले मुझे महोबा की घटना की जानकारी मिली थी. एक शादीशुदा दलित परिवार को चप्पल नहीं उतारने पर अपमानित होना पड़ा."

कथावाचक से बदसलूकी को लेकर लोगों में आक्रोश

इटावा में यादव कथावाचक व्यास मुकुट मणि, संत यादव के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर गुरुवार को इटावा में जमकर हंगामा हुआ. हालात इतने बिगड़ गए कि दादरपुर गांव को लगभग पुलिस छावनी में तब्दील करना पड़ा. यादव समाज और 'अहीर रेजिमेंट' के युवाओं ने गुरुवार को गांव में घुसने की कोशिश की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका तो बवाल खड़ा हो गया. कहा जा रहा है कि दादरपुर गांव में घुसने की कोशिश कर रहे यादव समाज के लोग रास्ते में अन्य लोगों से उनकी जाति पूछ रहे थे, उसके बाद ही गांव में घुसने दिया जा रहा था. सैकड़ों की संख्या में यादव समाज के लोग बाइकों पर सवार होकर दादरपुर गांव के पास पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया.. 'अहीर रेजिमेंट' और यादव समाज के लोगों ने गगन यादव की रिहाई और कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार  के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. 

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