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This Article is From Aug 03, 2021

यूपी : BSP ब्राह्मण सम्मेलन का फायदा उठाकर दलित वोट वापस अपने 'पाले' में करने में जुटी कांग्रेस

यूपी चुनाव से पहले जब दलितों की पार्टी कहलाने वाली बीएसपी ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है, तब कांग्रेस दलितों को पार्टी से पुराने रिश्ते याद दिलाने निकली है.

यूपी : BSP ब्राह्मण सम्मेलन का फायदा उठाकर दलित वोट वापस अपने 'पाले' में करने में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी.
लखनऊ:

कांग्रेस ने आज पूरे यूपी में दलित सम्मान यात्रा निकालकर दलितों को हक दिलाने की लिए प्रदर्शन किया. आज के ही दिन 1947 में प्रधानमंत्री नेहरू ने गैर कांग्रेसी बाबा साहब अंबेडकर को कानून मंत्री बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास करवाया था. कांग्रेस इस मौके पर दलितों को कांग्रेस से पुराने रिश्तों की याद दिला रही है. यूपी चुनाव से पहले जब दलितों की पार्टी कहलाने वाली बीएसपी ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है, तब कांग्रेस दलितों को पार्टी से पुराने रिश्ते याद दिलाने निकली है. ऐसी यात्राओं पूरे यूपी में आज निकाली गई हैं.

यूपी कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष तनुज पूनिया ने बताया, 3 अगस्त 1947 को अंतरिम सरकार में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बाबा साहिब भीम राव अंबेडकर को कानून मंत्री बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था. तो ये एक तरह से दलित समाज को सम्मान देने का काम है, क्योंकि उस समय बाबा साहब कांग्रेस पार्टी में नहीं थे. लेकिन उसके बावजूद उनको कानून मंत्री बनाने का प्रस्ताव जवाहर लालू नेहरू ने कैबिनेट में रखा था.

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यूपी में दलित वोट करीब 21 फीसद हैं. शुरू में यह कांग्रेस के साथ था. बाद में बसपा की तरफ चला गया. प्रियंका गांधी यूपी में दलितों, आदिवासियों के मुद्दे उठाती रही हैं. 20 जुलाई 2019 को वो सोनभद्र गोली गांड में मारे गए आदिवासियों के परिवारों से मिलने जाते हुए रोक ली गईं. तो चुनार के किले में उनसे मुलाकात की. 3 अक्टूबर 2020 को वो हाथरस रेप कांड की शिकार लड़की के परिवार से मिलने उसके घर पहुंची. आज कांग्रेस जिले-जिले में यात्रा निकाल उनके मुद्दे उठा रही हैं.

पश्चिमी यूपी कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष योगी जाटव ने कहा, उत्तर प्रदेश में जो निरंतर दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. हम भारतीय जनता पार्टी की सरकार को चेताना चाहते हैं कि ये दलित दलित नहीं हैं, ना ही कमजोर हैं, आपकी सरकार को गिराकर ही रहेंगे.

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2014 के लोकसभा चुनाव से भाजपा ने भी दलित वोटों में सेंध लगाई है. मोदी सरकार ने डॉ. अंबेडकर के नाम पर पांच तीर्थ बनाने का भी ऐलान किया है. और अयोध्या में भी राम मंदिर की भूमि पूजन का पहला प्रसाद एक दलित महावीर को दिया गया. यही वजह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी की 86 सुरक्षित सीटों में से 68 सीटें भाजपा जीत गई. आज कांग्रेस ने दलित उत्पीड़न के मुद्दे उठाकर कांग्रेस पर हमले किए.

गोरखपुर कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मनीष कुमार गौतम ने कहा, दलितों के ऊपर दिन प्रतिदिन जो अत्याचार हो रहा है, चाहे उनकी हत्याएं या उनका घर तोड़ना हुआ जैसी जो भी समस्याएं आ रही हैं. उनसे हम दलितों को निजात दिलाना चाहते हैं. अगर सरकार ये नहीं कर सकती है तो वो कुर्सी को छोड़ दे.

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 बसपा अपने ब्राह्मण सम्मेलनों के हर चरण की शुरुआत अयोध्या, काशी, मथुरा, चित्रकूट जैसे धर्मस्थलों से कर ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश में है. जबकि उसके दलित कैडर का एक वर्ग इससे असहज महसूस कर रहा है. ऐसे में हो सकता है कि कांग्रेस उनमें अपनी पार्टी के लिए संभावनाएं तलाश रही हो.

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