
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने आज भ्रष्टाचार के आरोपों ओ देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. सीएम योगी ने यूपी में स्टाम्प और रजिस्ट्री विभाग के सभी निबंधकों और उप निबंधकों के ट्रांसफर पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. सीएम ने ट्रांसफर पर रोक के साथ साथ ट्रांसफर में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने को भी निर्देशित किया है.
सहायक निबंधन के ट्रांसफर भी रोके गए
यूपी में मई और जून महीने को ट्रांसफर सीजन कहते हैं. इसमें सभी विभाग कर्मचारियों की मांग और विभाग की जरूरत के हिसाब से ट्रांसफर कर सकते हैं. इस ट्रांसफर सीजन में स्टाम्प एवं राजस्व विभाग में 58 उप निबंधकों के अलावा हाल ही में प्रमोट हुए 29 उप निबंधकों के ट्रांसफर को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. इसके अलावा क्लर्क लेवल के 114 कनिष्ठ सहायक निबंधन के ट्रांसफर भी रोके गए हैं.
स्टाम्प एवं रजिस्ट्री विभाग के मंत्री ने क्या बताया?
इस मामले में यूपी के स्टाम्प एवं रजिस्ट्री विभाग के मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि सब रजिस्ट्रार और उससे नीचे के स्तर के अधिकारियों और बाबुओं के ट्रांसफर का अधिकार डायरेक्टर के पास होता है. उनसे ऊपर के ट्रांसफर प्रमुख सचिव की सहमति से किया जाता है. मंत्री रवीन्द्र जयसवाल ने कहा कि सब रजिस्ट्रार और बाबुओं के ट्रांसफर को बिना सहमति के आधार पर मनमाने तरीके से किए जाने की शिकायत के बाद सीएम ने रोक लगाने के साथ जांच का आदेश दिया है.
मंत्री रवींद्र जायसवाल ने ये भी बताया कि अधिकारियों ने मनमाने तरीके से 12वीं पास बाबुओं को रजिस्ट्रार बनाने का आदेश जारी कर दिया. साथ ही मनमानी जिलों में भेजने पर भी हुई है. जो योग्य नहीं था, उसे भी बड़े जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया है. इन्हीं शिकायतों को लेकर सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंट की नीति के तहत ये आदेश जारी किया है.
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