उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में एकता और एकीकरण का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि मत और उपासना हमारे लिए 'सेकेंडरी' होनी चाहिए और देश को सर्वोपरि रखना चाहिए. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां अमृत वाटिका प्रांगण में ‘मेरी माटी-मेरा देश' अभियान के तहत अमृत स्तम्भ के लोकार्पण अवसर पर कहा, 'भारत को विकसित बनाने के लिए आवश्यक है कि हम अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करें. गुलामी के अंशों से मुक्त हो. एकता और एकीकरण का आह्वान होना चाहिए.'
उन्होंने कहा, ‘‘एकता और एकीकरण इस रूप में हो कि उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम, जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा नहीं बल्कि भारत माता हम सबके लिए सर्वोपरि है. यही हमारी प्राथमिकता है. मत और उपासना हमारे लिए सेकेंडरी होनी चाहिए. वह हमारा व्यक्तिगत विषय हो सकता है, लेकिन ‘माटी को नमन, वीरों का वंदन' हमारा संकल्प होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए आगामी 25 वर्ष की व्यापक कार्ययोजना के साथ हम सभी को नए संकल्प, नए उत्साह और नई उमंग से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है. हर नागरिक का कर्तव्य है कि समाज व राष्ट्र के लिए कार्य करे.
इस अवसर पर आदित्यनाथ ने अमृत वाटिका में हरिशंकरी के पौधे रोपित कर वृक्षारोपण महाअभियान-2023 के अन्तर्गत स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश में एक ही दिन में पांच करोड़ पौधे लगाने के अभियान की शुरुआत भी की. उन्होंने कहा कि अमृत वाटिका देश की आजादी के शताब्दी वर्ष में हम सबको एक नए संकल्प के साथ जुड़ने का भी आह्वान कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश 25 वर्ष उपरान्त अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, उस समय यह अमृत वाटिका और यह अमृत स्तम्भ हम सबको आजादी के अमृत महोत्सव के संकल्पों की याद दिलायेंगे.
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