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This Article is From May 03, 2022

अलीगढ़ ‘संत समागम’ में भड़काऊ भाषण देने का मामला, आयोजक को नोटिस

तय सीमा से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाने,कार्यक्रम में हथियारों का प्रदर्शन कर आयोजन की अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने पर नोटिस

अलीगढ़ ‘संत समागम’ में भड़काऊ भाषण देने का मामला, आयोजक को नोटिस
प्रतीकात्मक फोटो.
अलीगढ़:

अलीगढ़ जिला प्रशासन ने सोमवार को एक सम्मेलन के आयोजक को एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कारण बताओं नोटिस जारी किया. इस सम्मेलन में हिंदू धार्मिक संगठनों और उपदेशकों ने हिस्सा लिया था. अपर नगर मजिस्ट्रेट कुंवर बहादुर सिंह ने कथित तौर पर तय सीमा से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाने और कार्यक्रम में हथियारों का प्रदर्शन कर आयोजन की अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने पर नोटिस भेजकर संगठन को उचित जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया है और चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

नोटिस में कहा गया है कि रविवार को आयोजित सम्मेलन में एक विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए हैं. अलीगढ़ के गांधी पार्क थाना क्षेत्र के अचल ताल स्थित रामलीला मैदान में रविवार को 'सनातन हिंदू सेवा संस्थान' द्वारा सम्‍मेलन का आयोजन किया गया था.

रविवार को, हिंदू धर्म प्रचारक कालीचरण महाराज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि 'मुसलमानों की बढ़ती आबादी' के कारण देश एक बड़े खतरे का सामना कर रहा है और 'जिहादी' तत्वों द्वारा उत्पन्न समस्या को रोकने का एकमात्र तरीका हिंदू राष्ट्र की स्थापना है.

उन्होंने कहा कि हिंदू महिलाओं को ऐसे तत्वों से आसन्न खतरे का सामना करना पड़ रहा है और हिंदू समुदाय के सदस्यों को इस तरह के खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि हाल की फिल्म 'कश्मीर फाइल्स' ने 'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों का एक प्रतिशत भी नहीं दिखाया जो वास्तव में कश्मीर में हुआ था.'
कालीचरण महाराज को पिछले साल दिसंबर में छत्तीसगढ़ पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल भेज दिया था.

अधिवेशन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि ''भारत में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक ही तरीका है. हिंदुओं को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए अन्यथा वर्ष 2029 तक वे मुसलमानों द्वारा उत्पन्न संकट में फंस जाएंगे'.

उन्होंने जनसंख्या की व्याख्या करते हुए संभावना जताई कि 2029 तक भारत में एक मुस्लिम प्रधानमंत्री होगा और राज्यों में मुस्लिम मुख्यमंत्री होंगे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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