उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Mob Violence) और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की हत्या के मामले में इंस्पेक्टर के हत्या के आरोपियों पर से देशद्रोह की धारा हटा दी गई है. दरअसल, पिछले साल दिसंबर में गौवंश के अवशेष मिलने के बाद हुई हिंसा में भीड़ ने बुलंदशहर के स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की बेहरहमी से हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस पूरी हिंसा में 38 लोगों के ख़िलाफ हत्या, दंगा भड़काने और देशद्रोह समेत 17 धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था.
मंगलवार को बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया और पुलिस को फ़टकार लगाते हुए सभी आरोपियों के ऊपर से धारा 124A (देशद्रोह) को हटा दिया क्योंकि देशद्रोह की धारा लगाने के लिए पुलिस ने प्रदेश के गृहविभाग से अनुमति नहीं ली थी. वहीं, सुबोध कुमार की पत्नी रजनी सिंह का आरोप है कि पुलिस की तरफ़ से लापरवाही बरती गई है और पुलिस ने चार्जशीट कमज़ोर करने के लिए ही देशद्रोह की धारा के लिए ज़रूरी प्रक्रिया पूरी नहीं की, जिसके लिए न्यायालय ने भी पुलिस को लताड़ लगाई है.
एनडीटीवी से बातचीत में बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक अमित श्रिवास्तव ने बताया कि यूपी पुलिस देशद्रोह की धारा के लिए गृह विभाग से अनुमति लेकर दोबारा आरोपपत्र दाख़िल करेगी.
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गौरतलब है कि इंस्पोक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद यूपी सरकार की क़ाफ़ी किरकिरी हुई थी यहां तक की तक़रीबन 80 रिटायर्ड अधिकारियों नें पत्र लिख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा तक मांगा था. बड़ी बात ये भी है कि गौ हत्या में पकड़े गए सभी आरोपियों पर देशद्रोह की धारा लगी हुई है लेकिन इंस्पेक्टर को ऑन ड्यूटी वर्दी में बेरहमी से मौत के घाट उतार देने वालों के ऊपर से देशद्रोह की धारा हट गई है.
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