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कांशीराम का उपहास कर रहे हैं...; अखिलेश राणा सांगा के बाद क्यों बीजेपी के निशाने पर

इटावा जिले के विकासखंड महेवा के परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्थापित आदमकद प्रतिमा के समीप बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की आदमकद कुर्सी पर विराजमान प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर प्रहार किया और संविधान की रक्षा के लिए पीडीए का आह्वान किया.

कांशीराम का उपहास कर रहे हैं...; अखिलेश राणा सांगा के बाद क्यों बीजेपी के निशाने पर
लखनऊ:

राणा सांगा पर शुरू हुई बहस अब सियासी घमासान में तब्दील हो चुकी है. एक तरफ राणा सांगा को लेकर करणी सेना ने इस मुद्दे पर तलवारें और हथियार लहराकर प्रदर्शन किया. वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हम अपने नेता के साथ खड़े हैं. इस बीच बीजेपी ने अखिलेश पर कांशीराम का उपहास उड़ाने का आरोप लगाया है. भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अखिलेश का वीडियो एक्स पर शेयर भी किया है.

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पूरे दलित समाज का अपमान

इस वीडियो को शेयर करते हुए अमित मालवीय ने लिखा कि अखिलेश यादव ने पहले राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद के बयान का समर्थन कर क्षत्रिय समाज का अपमान किया. अब वे दलित समाज के पथ-प्रदर्शक कांशीराम जी का उपहास कर रहे हैं, केवल उन्हें मुलायम सिंह जी से छोटा दिखाने के लिए. यह कहना कि कांशीराम जी चुनाव नहीं जीत पा रहे थे और सपा ने उन्हें जिताया, पूरे दलित समाज का अपमान है. अब तो ऐसा प्रतीत होता है कि हिंदू समाज के हर वर्ग से आपको दुर्गंध आने लगी है. ‘सेक्युलरिज़्म' नाम की इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है.

अखिलेश को किस बात पर बीजेपी ने घेरा

अमित मालवीय ने जो वीडियो शेयर किया, उसमें अखिलेश यादव मंच पर खड़े हुए लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि ये भी इतिहास है कि बीएसपी के संस्थापक कांशीराम को अगर लोकसभा में किसी ने पहुंचाया तो यहीं के लोगों ने पहुंचाया. वो कहीं से जीत नहीं पा रहे थे. वो राजनीतिक परिस्थितियां कैसी थी. ये बात इतिहास में दर्ज है कि उस समय पर कांशीराम जी को जिताने का काम किसी ने किया था तो वो नेता जी और समाजवादी लोगों ने किया था.

अखिलेश के निशाने पर बीजेपी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में अपने प्रवेश का वर्णन करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'जब मायावती जी (अपने कार्यकाल के दौरान) मुख्यमंत्री आवास में रहती थीं और उनके बाद हम गए थे. मैंने कभी भी इसे 'गंगाजल' से नहीं धुलवाया. लेकिन, जब उप्र के ये मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ), जो योगी बन गए हैं, मुख्यमंत्री आवास में गए तो उन्होंने मुख्यमंत्री आवास को 'गंगाजल' से धुलवाया, यह भेदभाव आज भी मौजूद है.' उन्होंने यह भी दावा किया कि 'हमारा आरक्षण छीना जा रहा है.'

यादव ने कहा कि “हम चाहते हैं कि देश संविधान के अनुसार चले, लेकिन कुछ लोग इसे अपने अहंकार के अनुसार चलाना चाहते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि संविधान कोरी किताब है और वे इसे संविधान नहीं मानते.' इस अवसर पर अखिलेश यादव ने लोगों से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दिए गए नारे 'जय जवान, जय किसान' में 'जय संविधान' शब्द जोड़ने को भी कहा. उन्होंने उप्र के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए वहां मौजूद लोगों से पूछा, 'क्या आपने कभी हमारे मुख्यमंत्री को क्रिकेट खेलते हुए देखा है? मैंने उन्हें एक बार देखा था. गेंद तीन बार उछली, फिर भी वे उसे हिट नहीं कर पाए.'

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