
- मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा में विघ्न डालने की बड़ी साजिश नाकाम कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
- आरोपियों ने पाकिस्तान की पुरानी हिंसात्मक वीडियो को मुरादाबाद का बताकर व्हाट्सएप पर वायरल किया था.
- डीआईजी अभिषेक सिंह ने बताया कि साजिश का मकसद सांप्रदायिक दंगे और आतंकवादी घटनाएं कराना था.
उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा में विघ्न डालने की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है. साथ ही पुलिस ने ककरौली थाना क्षेत्र से तीन आरोपियों नदीम, मनशेर और रहीश को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों का मकसद कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक दंगों के जरिए विघ्न पैदा करना और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करना था. साथ ही पुलिस ने कहा कि इस मामेल में पाकिस्तानी एजेंसी की संलिप्तता को लेकर भी इनकार नहीं किया जा सकता.
पुलिस ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि ये लोग व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पाकिस्तान की पुरानी और मारकाट की एक सनसनीखेज वीडियो को जिला मुरादाबाद की बताकर वायरल कर रहे थे. इन व्हाट्सएप ग्रुप में एक ऑडियो भी जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि मंसूरपुर और उसके आसपास के गांवों में बजरंग दल के कुछ लोग मुसलमानों के घरों में घुसकर मार काट कर रहे हैं. ऑडियो में यह भी कहा गया था कि इस तरह के कई गांव हैं, जहां पर मुसलमानों की 50 से ज्यादा हत्या की जा चुकी है. साथ ही ककरौली युवा एकता व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो को ज्यादा से ज्यादा वायरल करने की अपील भी की गई थी.
सांप्रदायिक दंगों को अंजाम देने का मकसद: डीआईजी
सहारनपुर डीआईजी अभिषेक सिंह ने बताया कि इस वीडियो को सोची समझी साजिश के तहत मुरादाबाद के गांव का बताया गया और विशेष संप्रदाय के लोगों का बताकर इसका मकसद पश्चिम उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे और आतंकी घटना को अंजाम देने का था. इस साजिश के तहत सावन के महीने का दूसरा सोमवार चुना गया था क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में इस समय कांवड़ यात्रा चल रही है. उन्होंने कहा कि इन लोगों का इरादा था कि सांप्रदायिक नफरत फैलाई जाए जिससे लोग उग्र हों, आतंकवाद की विचारधारा के प्रति आकर्षित हों और भोले भाले लोगों को उकसाकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़कर देश में असंतोष फैला सकें.
विशेष संप्रदायों के व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल किया वीडियो
साथ ही पुलिस ने बताया कि इन लोगों का इरादा लोगों को भड़काकर आतंकवादी लोन वुल्फ अटैक को अंजाम देना था. इस वीडियो और ऑडियो को पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में विशेष संप्रदाय के लोगों के व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल किया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में राष्ट्र विरोधी और आतंकी संगठनों के साथ ही पाकिस्तानी एजेंसी की संलिप्तता को लेकर भी इनकार नहीं किया जा सकता.
पुलिस की टीमें अन्य राज्यों में भी दे रही दबिश
उन्होंने बताया कि ऐसे चार व्हॉटसएप ग्रुप हैं, जिनसे सैंकड़ों मेंबर जुड़े हुए हैं. विभिन्न मॉडयूल्स के जरिए इन वीडियो को अन्य जगहों पर भी प्रसारित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि हमारी टीमें अन्य राज्यों में भी दबिश दे रही हैं, जिससे इस मॉड्यूल से जुड़े सभी लोगों को जल्द गिरफ्तार कर इस कड़ी का पर्दाफाश किया जा सके.
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