यौन शोषण के आरोपी प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग को लेकर BHU में चल रहा धरना समाप्त हो गया. धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने कुलपति से वार्ता के बाद धरना खत्म करने का निर्णय लिया. विवि के कुलपति ने उनकी कुछ मांगे मान ली हैं, जिसमें एक बार फिर से आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी. बैठक में अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस बीच आरोपी प्रोफेसर को फिर से लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है. छात्र-छात्राओं ने कुलपति के आश्वासन के बाद अपनी जीत के जश्न का एक मार्च निकाला और उसके बाद धरना खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि अभी हमें आधी जीत मिली है, पूरी जीत के लिए इंतजार करेंगे. अगर उचित निर्णय नहीं होगा तो, आगे की रणनीति बनाएंगे.
BHU के प्रोफेसर चौबे की बर्खास्तगी की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं का धरना जारी, जानें पूरा मामला
वहीं, दूसरी तरफ BHU प्रशासन ने एक प्रेस नोट जारी कर पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा. बीएचयू प्रशासन के मुताबिक, पहले जन्तु विज्ञान विभाग की कुछ छात्राओं द्वारा एक प्रोफेसर पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति द्वारा जांच की गई थी. समिति के रिपोर्ट को विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद द्वारा विचार किये जाने के बाद आरोपी प्रोफेसर को "सेंसर" करने की सजा दी गई थी. इसके अतिरिक्त उन्हें भविष्य में इस प्रकार के सभी गतिविधियों के दायित्वों से मुक्त रखने का आदेश दिया गया है. उन्हें दी गई सजा को उनके सेवा अभिलेख में भी दर्ज किया गया है. उक्त मुद्दे की गंभीरता के मद्देनज़र इस पर विचार करते हुये विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उक्त मामले को कार्यकारिणी परिषद के समक्ष पुनर्विचार हेतु पुनः प्रस्तुत किया जायेगा.
छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर के दोबारा यूनिवर्सिटी में लौटने के बाद BHU में हंगामा
जब तक कार्यकारिणी परिषद इस मामले पर पुनर्विचार करे तब तक के लिये आरोपी प्रोफेसर को लम्बी छुट्टी पर जाने के लिए आदेश पारित कर दिया गया है. विश्वविद्यालय में सेक्सुअल हैरासमेंट के मामलों की रोकथाम के लिए 'उच्चतर शैक्षिक संस्थानों में महिला कर्मचारियों एवं छात्रों के लैंगिक उत्पीड़न के निराकरण, निषेध एवं इसमें सुधार विनियम' के अंतर्गत स्थापित विभिन्न दिशा-निर्देशों को पहले ही विश्वविद्यालय के समस्त विभागों में अधिसूचित कर दिया गया है. इन दिशा-निर्देशों को सभी विभागों के सूचना पट्ट पर लगाने हेतु इसे पुनः अधिसूचित किया जायेगा. प्रेस नोट के मुताबिक, बीएचयू कुलपति ने कहा है कि विश्वविद्यालय किसी भी प्रकार के लैंगिक भेदभाव अथवा उत्पीड़न की घटनाओं के प्रति संवेदनशील है और इस प्रकार की घटना
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं