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सिंह भाई हटे तो सिंह भाई आए...यूपी में IAS अफसरों के ट्रांसफर पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्यों कहा?

अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे पता था कि सूची आएगी तो सरकार वेबसाइट से आंकड़े हटा देगी. आंकड़ों का स्रोत क्या है, ये पूछ रहे हैं. हमने सरकारी आंकड़े से ही आंकड़े निकाले हैं. 

सिंह भाई हटे तो सिंह भाई आए...यूपी में IAS अफसरों के ट्रांसफर पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्यों कहा?
लखनऊ:

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने मंगलवार को यूपी सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की तरफ से अधिकारियों की नियुक्ति में पीडीए के साथ भेदभाव किया जाता है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सिंह भाई हटे तो सिंह भाई आए ना? पीडीए के प्रति नफ़रत है. हम विपक्षी होने का कर्तव्य निभा रहे हैं. पीडीए के साथ भेदभाव को उजागर करने का काम कर रहे हैं. मैंने सच उजागर किया और सरकार ने अगर गलती की है तो गलती सुधार लें. ये गलती नहीं सुधार रहे हैं. एक अधिकारी को आगे करके हम पर ग़लत आंकड़े पेश करने का आरोप लगा रहे हैं. सरकार के लोग आगे नहीं आ रहे हैं. 

अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे पता था कि सूची आएगी तो सरकार वेबसाइट से आंकड़े हटा देगी. आंकड़ों का स्रोत क्या है, ये पूछ रहे हैं. हमने सरकारी आंकड़े से ही आंकड़े निकाले हैं. चित्रकूट, आगरा, महोबा और प्रयागराज ज़िले की सरकारी वेबसाइट दिखाकर अखिलेश यादव ने अपनी बात की पुष्टि करने की कोशिश की. इसके बाद यूपी एसटीएफ की वेबसाइट दिखाकर बताया कि अधिकारियों की नियुक्ति में पीडीए के साथ भेदभाव होता है. 

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार पुलिस थाने के अलावा ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग से लेकर मुख्य थानों के आंकड़े जोड़कर मुझे ग़लत साबित करने में लगी है. सरकार ने हमारी सरकार पर 56 में 46 अधिकारियों के यादव होने का आरोप लगाया था. क्या वो लिस्ट सरकार सामने लाकर दिखा सकती है? सरकार आंकड़ों की बाज़ीगरी कर रही है. उत्पीड़न हर वर्ग पर बढ़ा है. इसमें भी दलित समाज पर ज़्यादा उत्पीड़न बढ़ा है. प्रभुत्ववादी लोग इसको स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. ये इस सरकार में बढ़ा है. इस सरकार में भ्रष्टाचार भी बढ़ा है. जो अधिकारी अंडरग्राउंड है, उसकी कॉल डिटेल्स दिखा दे सरकार. उससे पता लग जाएगा कि वो किससे किससे बात करते थे. 

महंगाई के मुद्दे पर भी अखिलेश ने बोला हमला

जनता और राजनैतिक दल इस बिल के ख़िलाफ़ थे. सब सुप्रीम कोर्ट भी चले गए. सरकार को घर घर जाकर समझाने की कोशिश क्यों करनी पड़ी. ये सरकार अपनी नाकामी छुपा रही है. अमेरिका सरकार पर दबाव बना रहा है. महंगाई कहां पहुंच गई है आप देखिए. ग़रीब आदमी अपनी बेटी को सोने की कोई चीज़ नहीं दे पा रहा है. एक तोला सोना एक लाख पहुंचा दिया है. नौकरियां रोज़गार है नहीं, गेंहू बिचौलिये ख़रीद रहे हैं. सब कुछ महंगा हो रहा है.

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