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Ground Report: संभल के मकान-मस्जिदों पर 'लाल निशान' से खौफ में लोग, बुलडोजर एक्शन की आहट

Action Against Illegal Encroachment in Sambhal: संभल में कई मकानों पर प्रशासन कार्रवाई करने की तैयारी में है. यहां पर एक पुरानी मस्जिद है, जिसके बाहर लाल निशान लगा दिया गया है और कई घरों के बाहर ऐसे ही लाल निशान लगाए गए हैं.

संभल के मकानों पर लगाए गए लाल निशान.
  • संभल में सरकारी तालाब की जमीन पर बने 40 मकानों और मस्जिद पर प्रशासन ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
  • प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर 15 दिन की मोहलत दी है, अन्यथा बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी गई है.
  • स्थानीय निवासी दावा करते हैं कि जमीन खेती की है और उनके पास सभी वैध कागजात मौजूद हैं.
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संभल:

Bulldozer Action in Sambhal: संभल में प्रशासन एक्शन की तैयारी में है. यहां के हातिम सराय खुर्द इलाके में सरकारी तालाब की जमीन पर बने मकान और मस्जिद पर एक्शन की योजना बनाई जा रही है. यहां पर राजस्व विभाग की टीम उन मकानों को चिह्नित कर रही है, जो तालाब पर बने हैं. साथ ही लगातार लोगों से पूछताछ कर उनकी जानकारी रिकॉर्ड की जा रही है. कई मकानों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं और कई पर निशान लगाने की योजना जारी है. दरअसल संभल में सरकारी तालाब की जमीन पर बने अवैध निर्माण को गिराने की तैयारी है.

तालाब की 8 बीघा जमीन पर 40 मकान और मस्जिद

प्रशासन ने यहां 8 बीघा तालाब की जमीन पर बने 40 मकान और मस्जिद पर लाल निशान लगा दिया है और 15 दिन की मोहलत दी है. अगर इन 15 दिन में लोग अपने सही कागजात नहीं दिखा पाए तो प्रशासन का बुलडोजर एक बार फिर संभल में चलता नजर आएगा.

स्थानीय बोले- हम 20 साल से रह रहे, हमारे पास सभी कागज

स्थानीय मोहम्मद नूर ने बताया कि हमें बताया जा रहा है कि तालाब था. लेकिन यहां खेती होती थी और यह सारी जमीन राम सुनीति की है. हम यहां 20 साल से रह रहे हैं हमारे पास सभी कागज है. हमने राम सुनीति से बैनामा कराया था. हमने प्रशासन को बता दिया है कि यह तालाब की जमीन नहीं है बल्कि खेती की है. हमारे वकील ने भी बात की है. 15 दिन का समय प्रशासन ने दिया है हम उसमें जवाब दे देंगे.

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'मस्जिद वक्फ बोड से पास, उसके भी दस्तावेज है'

स्थानीय अब्दुल कादिर ने कहा कि हमारे मकान के बाहर भी लाल निशान लगाया गया है. हमसे जो कागज मांगे गए हैं हमारे पास जो हैं हम उसको दिखाएंगे. वक्फ बोर्ड से मस्जिद भी पास है उसके भी कागज हमारे पास हैं. मस्जिद काफी समय से है और हम लोगों ने यहां पर कभी कोई तालाब नहीं देखा.

प्रशासन का दावा गलत, सभी घरों से टैक्स भी दिया जाता है

एक अन्य स्थानीय नसीम ने कहा कि यह एक प्राइवेट जमीन है. यहां पर रह रहे सभी लोगों के पक्के बनाने हैं. सरकारी सड़क यहां बनी हुई है, सभी के घर में मीटर लगे हुए हैं, हाउस टैक्स का बिल आता है. बिजली भी लगी हुईं है. जो जगह नीची होती है उसमें पानी भर जाता है लेकिन प्रशासन का जो दवा है वह गलत है. हमारे पास पूरे डॉक्यूमेंट हैं, नक्शे हैं और बेनामें भी हैं.

संभल सदर के सपा विधायक बोले- रेवेन्यू रिकॉर्ड में सरकारी तालाब की बात नहीं

संभल सदर सीट के सपा विधायक इकबाल महमूद ने भी इस मामले पर खुलकर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक जिन लोगों की मकान जहां बने हैं वह पूरी तरीके से सही है. राम सुनीता देवी इसकी मालकिन है और उन्होंने ही सबको भेजा है. यह तालाब प्राइवेट है सरकारी नहीं है. रेवेन्यू रिकॉर्ड में सरकारी तालाब की बात नहीं है. हमारे पास सारे कागजात हैं और हम इसको सिद्ध करेंगे. ऐसे ही एक मामले में सिविल जज स्टे दे रखा है.

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यूपी के सभी जिलों में चल रही एकतरफा कार्रवाईः सपा विधायक

सपा विधायक ने आगे कहा कि आज तक उस मामले में सरकार की तरफ से कोई सबूत दाखिल नहीं किया गया है कि यह हमारी जमीन है. उसमें तारीख पर तारीख डाली जा रही है. उसी जमीन का यह बचा हुआ हिस्सा है जिसे लोगों ने बना लिया. हम जिलाधिकारी से मुलाकात करके अपना पक्ष रखेंगे. यूपी में जबरदस्त राजनीति चल रही है. हर जनपद में इस प्रकार की एक तरफा कार्रवाई की जा रही है.

'80 को खुश करने में 20 को परेशान कर रही सरकार'

  • सपा विधायक ने आगे कहा कि बीजेपी की मौजूदा सरकार 80 और 20 करने में लगी है. 80 को खुश करने के लिए 20 को परेशान किया जा रहा है.
  • इस वक्त जो कुछ भी हो रहा है वह सारे मुद्दे 2027 की विधानसभा चुनाव से संबंधित है. संभव है इस कार्रवाई का वह फायदा बिहार चुनाव में भी लेना चाह रहे हों.

'जो हो रहा है सब प्री प्लान, 2027 के चुनाव की तैयारी'

विधायक ने आगे कहा कि मूल मुद्दों को डाइवर्ट करने की कोशिश है लेकिन PDA के सामने यह सब टिक नहीं पाएंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार से समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन रहा है उससे बीजेपी के लोग बौखलाए हुए हैं. बीजेपी के लोग अब उसको मैनेज करने के लिए इस प्रकार की कोशिश कर रहे हैं. यह सब कुछ जो हो रहा है वह प्री प्लान है और 2027 की चुनाव की तैयारी की जा रही है.

सेकुलर लोगों ने ही बीजेपी को तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया है. बाबरी मस्जिद को छोड़कर हमें कोर्ट से कई मामलों में न्याय मिला है इस बार भी हमें उसकी उम्मीद है.

'आजम खान नाराज न थे, ना हैं और ना रहेंगे'

संभल सदर सीट के समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद ने आजम खान की नाराजगी की चर्चाओं पर कहा कि आजम खान पार्टी के मजबूत सिपहसलार हैं और मजबूत होकर ही काम करेंगे. आजम खान को जो भूमिका दी जाएगी वह उसको आगे ही लेकर जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि आजम खान न नाराज थे, ना हैं और ना नाराज रहेंगे.

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