कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेसन (Kolkata Metro Rail Corporation KMRC) ने शुक्रवार को कहा कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत पानी के नीचे से मेट्रो को दौड़ाने की तैयारी की गई है. केएमआरसी का दावा है कि दिसंबर 2023 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा. केएमआरसी के जनरल मैनेजर सिविल शैलेश कुमार ने कहा कि पानी के नीचे टनल बनाने के इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और दिसंबर 2023 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा.
इस काम के साथ ही कोलकाता मेट्रो ने एक बार अपने कंधों पर तारे लगाना का काम किया है. इस प्रकार के काम को करने वाली देश के यह पहली मेट्रो कंपनी है. 1984 में काम की शुरुआत करने वाली इस कंपनी को पहले पूरा शहर का काम करने के लिए तैयार किया गया और फिर शहर के बाहरी इलाकों को भी जोड़ने का काम सौंपा गया है. पानी के नीचे से मार्ग तय करने वाली पहली अंडरवाटर मेट्रो हुगली नदी के नीचे से हावड़ा और कोलकाता को जोड़ेगी.
प्रोजेक्ट में कुछ देरी पर शैलेश कुमार का कहना है कि प्रोजेक्ट में देरी कुछ पुनर्वास के कार्यक्रम में देरी और कुछ अन्य कार्यक्रमों की वजह से हुई है.
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने नदी के पानी के भीतर टनल बनाने में जर्मन मशीनों का प्रयोग किया और बेस्ट एक्सपर्ट्स से सलाह भी ली. पानी के नीचे टनल बनाने का काम अभी भी जारी है.
जहां तक पानी के नीचे टनल बनाने पर आए खर्च की बात है तो इस पर 157 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत आ रही है और वहीं जमीन के नीचे टनल पर 120 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आ रहा है.
केएमआरस के अधिकारी ने कहा कि हमने पानी के अंदर 520 मीटर लंबनी टनल को कामयाबी के साथ बना लिये है. यह काफी चुनौतीपू्र्ण काम था.
इस लाइन के बन जाने के बाद लाखों कोलकातावासियों को काफी सहूलियत होगी. केएमआरसी का कहना है कि यात्रियों को पानी के नीचे करीब आधे किलोमीटर को एक मिनट से भी कम समय में यात्रा करने का शानदार अनुभव भी होगा.
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