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Unclaimed Deposits: बैंक कैसे मान लेता है कि जमा करने वाला भूल गया पैसा, कहां जाता है समझिए

Unclaimed Bank Amount: अगर आपने या आपके परिवार में किसी ने कोई बैंक खाता, एफडी, या अन्य जमा राशि कई सालों से इस्तेमाल नहीं की है, तो तुरंत चेक करें.

Unclaimed Deposits: बैंक कैसे मान लेता है कि जमा करने वाला भूल गया पैसा, कहां जाता है समझिए
Unclaimed Deposit In Banks: बैंक किसी खाते को निष्क्रिय तब मानता है जब उसमें 10 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ हो.
नई दिल्ली:

क्या आपको पता है कि भारतीय बैंकों में 78,213 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बिना किसी दावेदार के पड़ी हुई है? यह वह पैसा है जिसे खाते के मालिक या उनके उत्तराधिकारी ने 10 साल या उससे अधिक समय तक उपयोग नहीं किया है. इसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposits with Banks) कहा जाता है. लेकिन सवाल यह है कि बैंक कैसे मान लेता है कि जमा करने वाला खाते में पैसा छोड़ दिया है या भूल गया है और यह राशि कहां जाती है? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं.  

क्या होता है अनक्लेम्ड डिपॉजिट?

अनक्लेम्ड डिपॉजिट बैंक अकाउंट में जमा वह रकम होती है, जिसमें 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं हुआ हो. ऐसे खाते को बैंक निष्क्रिय मान लेता है और इसकी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को देता है.  बैंकों को यह निर्देश है कि वे ऐसे निष्क्रिय खातों की पहचान करें और जमाकर्ताओं को सूचित करें. लेकिन अगर कोई दावा नहीं करता, तो यह राशि RBI के Depositor Education and Awareness (DEA) Fund में ट्रांसफर कर दी जाती है.  

DEA फंड में कौन-कौन सी राशि जमा होती है? 

बैंक द्वारा डीईए फंड में भेजी जाने वाली रकम में ये शामिल होती हैं:  

  • बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट में पड़े पैसे  
  • चालू खाते (Current Accounts)  
  • आरडी (Recurring Deposit) और अन्य जमाराशियां  
  • बैंक ड्राफ्ट, पे ऑर्डर, बैंकर्स चेक  
  • अनसुलझे NEFT/RTGS ट्रांजेक्शन  
  • एटीएम लेन-देन से जुड़े अनसुलझे बैलेंस  
  • बैंकों द्वारा जारी किए गए प्रीपेड कार्ड में बकाया राशि  

बैंक निष्क्रिय खाते की पहचान कैसे करता है?  

बैंक किसी खाते को निष्क्रिय तब मानता है जब उसमें 10 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ हो. इस खाते से जुड़े ग्राहक से कोई संपर्क नहीं हुआ हो. या फिर खाताधारक की मृत्यु हो गई हो और उत्तराधिकारी ने बैंक में जामा पैसे पर क्लेम नहीं किया हो. अगर कोई खाता या जमा 10 साल तक डीएक्टिव रहता है, तो उसमें पड़ी राशि डीईए फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है. अगर पैसा डीईए फंड में भेजा जाता है तो उस पर मिलने वाला ब्याज भी फंड में जोड़ दिया जाता है.  

क्या इस पैसे को वापस लिया जा सकता है?  

हाँ... अगर आपका कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट डीईए फंड में चला गया है, तो आप उसे वापस पाने के लिए दावा कर सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक में संपर्क करना होगा, और बैंक आपके डॉक्यूमेंट्स को चेक कर पैसे वापस कर देगा. बैंक इस राशि की भरपाई डीईए फंड से करेगा.  

बता दें कि डीईए फंड से इस पैसे को क्लेम करने की कोई समय सीमा नहीं है. आप जब चाहें इसे क्लेम कर सकते हैं, लेकिन जल्द से जल्द इसकी प्रक्रिया शुरू करना बेहतर होता है. 

क्यों जरूरी है अपने बैंक खाते को एक्टिव रखना? 

कभी-कभी हम पुरानी एफडी (Fixed Deposit) या बचत खाते को भूल जाते हैं.  बैंक में गलत मोबाइल नंबर या पता होने से बैंक आपसे संपर्क नहीं कर पाता.  अगर अकाउंट लॉन्ग-टर्म के लिए निष्क्रिय हो जाता है, तो पैसा डीईए फंड में चला जाता है. इसलिए, जरूरी है कि आप अपने बैंक खाते में समय-समय पर ट्रांजेक्शन करते रहें और बैंक डिटेल्स अपडेट रखें.  

अगर आपने या आपके परिवार में किसी ने कोई बैंक खाता, एफडी, या अन्य जमा राशि कई सालों से इस्तेमाल नहीं की है, तो तुरंत चेक करें.अपने पैसे पर नजर रखें और बैंकिंग डिटेल्स को हमेशा अपडेट रखें, ताकि आपकी मेहनत की कमाई कहीं खो न जाए.
 

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