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क्या आप गोल्ड, डायमंड या सिल्वर ज्वैलरी बेचने की सोच रहे हैं? पहले जान लें इनकम टैक्स के नियम

Taxation on jewellery sales: ज्वैलरी की बिक्री से होने वाला प्रॉफिट आपकी इनकम में जोड़ दिया जाता है, इसके बाद आपकी सालाना इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आती है, उसी के मुताबिक आपको इनकम टैक्स भरना होता है.

क्या आप गोल्ड, डायमंड या सिल्वर ज्वैलरी बेचने की सोच रहे हैं? पहले जान लें इनकम टैक्स के नियम
Capital Gain Tax: ज्वैलरी को कैपिटल एसेट के तौर पर देखा जाता है, इसलिए कैपिटल एसेट की बिक्री से होने वाले प्रॉफिट पर कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगाया जाता है.
नई दिल्ली:

Income Tax Rules For Jewellery: ज्वैलरी को संपत्ति (Property) के तौर पर देखा जाता है और इसे बेचने पर जो मुनाफा यानी प्रॉफिट होता है, उस पर टैक्स लगता है. ऐसे में लोगों के मन में टैक्स को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं. जैसे क्या ज्वैलरी की बिक्री से होने वाला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर उस व्यक्ति को भी टैक्स देना होता है जिसकी इनकम बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट से कम है? और अगर इसका जवाब हां है, तो ऐसे कैपिटल गेन पर कितना टैक्स देना होता है? आपके मन भी ऐसे कई सवाल होंगे. चलिए आज आपको ज्वैलरी बेचने पर लगने वाले टैक्स के बारे में डिटेल में बताते हैं.

कैपिटल एसेट की बिक्री से होने वाले प्रॉफिट पर कैपिटल गेन टैक्स

जैसा कि आपको बताया कि ज्वैलरी को कैपिटल एसेट के तौर पर देखा जाता है, इसलिए कैपिटल एसेट की बिक्री से होने वाले प्रॉफिट पर कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगाया जाता है. आपको होने वाले कैपिटल गेन पर होल्डिंग पीरियड (holding period) के आधार पर टैक्स लगाया जा सकता है. कहने का मतलब है कि ज्वैलरी को बेचने पर जो प्रॉफिट होता है, उस पर होल्डिंग पीरियड के आधार पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है.

शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कब लगेगा?

अगर ज्वैलरी खरीदने के 24 महीने के बाद इसे बेचा जाता है तो बिक्री पर होने वाले प्रॉफिट को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. इससे पहले अगर आप ज्वैलरी बेचते हैं तो इससे होने वाले प्रॉफिट पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है. इस तरह के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को आपकी रेगुलर इनकम की तरह माना जाता है और आप पर लागू स्लैब रेट के मुताबिक टैक्स लगाया जाता है.

अगर आपने ज्वेलरी 23 जुलाई 2024 से पहले बेची थी, तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long Term Capital Gain - LTCG) पर इंडेक्सेशन के बाद 20% की एक समान दर से टैक्स लगाया जाएगा. इंडेक्सेशन के बिना लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर  12.50% की एक समान दर से टैक्स लगाया जाएगा.

ज्वैलरी की बिक्री से होने वाला प्रॉफिट आपकी इनकम में जोड़ दिया जाता है, इसके बाद आपकी सालाना इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आती है, उसी के मुताबिक आपको इनकम टैक्स भरना होता है.

बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit)

जनरल कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट 2.50 लाख रुपये है. हालांकि, जो लोग 60 साल के हो चुके हैं, उनकी बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट तीन लाख है. वहीं 80 साल से ज्यादा उम्र वालों को 5 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. यदि आप नई टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो सभी के लिए बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है.

ज्वेलरी पर LTCG टैक्स देने से बचने का तरीका (Avoid paying LTCG tax on jewellery)

अगर आप एक निर्धारित अवधि के भीतर भारत में किसी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण में इस पैसे का इस्तेमाल करते हैं, तो आप ज्वेलरी से हुए मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देने से बच सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ और शर्तें भी पूरी करनी होंगी.4

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